नई दिल्लीः डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 2016 में, 5 से 19 साल के 340 मिलियन से अधिक बच्चे और किशोर मोटापे के शिकार थे. मोटापा यानि अत्यधिक वसा का संचय, जो स्वास्थ्य के लिए जोखिम बढ़ाता है. मोटापा बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) द्वारा मापा जाता है. 30 या उससे अधिक के बीएमआई वाले व्यक्ति को मोटापे से ग्रस्त माना जाता है.


बहुत अधिक कैलोरी का सेवन करना, गतिहीन जीवन शैली, पर्याप्त नींद न लेना, आनुवांशिकी आदि मोटापे के कुछ प्रमुख कारण हैं. डिप्रेशन, निष्क्रियता, उम्र, मेडिकल समस्याएं, धूम्रपान, नींद न आना आदि कुछ कारक संभावित रूप से आपके मोटे होने का खतरा बढ़ा सकते हैं. यदि आप अपना मोटापा कम करना चाहते हैं, तो नियमित रूप से व्यायाम करें, एक स्वस्थ आहार योजना का पालन करें, लगातार अपने वजन पर नज़र. चलिए जानते हैं मोटापे के कारण कौन-कौन सी समस्याएं हो सकती हैं.


टाइप 2 डायबिटीज: फैट सेल्स प्रो-इंफ्लेमेटरी केमिकल्स छोड़ते हैं जो शरीर को इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील बनाते हैं, जिससे टाइप 2 डायबिटीज होती है.


उच्च रक्तचाप: अतिरिक्त वसा धमनियों में जमा हो सकती है, जिससे शरीर में रक्त का प्रवाह सीमित हो जाता है. यह हृदय पर तेजी से पंप करने के लिए दबाव डाल सकता है. इसके परिणामस्वरूप उच्च रक्तचाप हो सकता है.


कैंसर: शरीर में वसा का अधिक मात्रा में होना मांसपेशियों में सूजन का कारण बनता है, जो कैंसर के संभावित कारणों में से एक है.


स्ट्रोक: मोटापा शरीर में सूजन पैदा कर सकता है, जिससे खराब रक्त प्रवाह की संभावना होती है. इसके अलावा, यह आपके मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह की आपूर्ति करने वाली धमनी में रुकावट पैदा कर सकता है, जिससे स्ट्रोक हो सकता है.


स्लीप एपनिया: छाती में जमा अतिरिक्त वसा फेफड़ों को दबा सकती है और प्रतिबंधित श्वास का कारण बन सकती है, जो कि स्लीप एपनिया के पीछे का कारण है.


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