एम्स(AIIMS) के कम्युनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉक्टर संजय राय के मुताबिक एस्ट्राजेनेका के में बारे जो बात कही जा रही है वह मैंने पहले ही कहा था. उसी वक्त मैंने अगाह किया था कि बूस्टर डोज के फायदे की जगह नुकसान काफी ज्यादा है. 


50 फीसदी मौतें हार्ट अटैक से हुई


एम्स ने जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक 50 फीसदी मौतें हार्ट अटैक से नहीं हुई है. इन सब के अलावा सांस से जुड़ी बीमारियों से उनकी मौतें भी हुई हैं. वहीं 50 प्रतिशत लोगों को सीधा हार्ट अटैक आया. एम्स की विशेषज्ञों के मुताबिक शरीर में खून का थक्का जमने पर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है. 


वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने साइड इफेक्ट्स वाली बात मानी


सोमवार को ब्रिटेन की कोर्ट वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पहली बार माना था कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. इसके साइडइफेक्ट्स थ्रोम्बोसइटोपेनिया सिंड्रोम कह सकते हैं. शरीर में खून के थक्के जमने पर हार्ट अटैक, स्ट्रोक और दिल की गती रुकने पर गंभीर समस्याएं होती है. 


बुस्टर डोज की जरूरत नहीं


 अमर उजाला में छपी खबरे के मुताबिक एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के मुताबिक एस्ट्राजेनेका के बारे में 2 साल पहले ही मैंने कहा था. उस समय भी मैंने कहा था कि बूस्टर डोज फायदे की जगह नुकसान ज्यादा है. लोगों को इस वैक्सीन की जरूरत नहीं थी. इसे गंभीरता से लेनी चाहिए ताकि आंकड़े कम किया जा सके. वैक्सीन की वजह से खून के थक्के जमते हैं इस पर रिसर्च होना बेहद जरूरी है. 


एम्स के फारेंसिक मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर गुप्ता ने कहा कि ऐसा नहीं लगता है कि वैक्सीन के कारण किसी की मौत हुई है. कोरोना के बाद कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के कारण लोगों की मौत हुई है. इसके कारण 200 शवों पर रिसर्च हुआ है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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