तीन साल कोरोना को झेलने के बावजूद हमारे जह्न से कोरोना अभी तक निकला नहीं है. बीते सालों ने कोरोनो ने अपने कई रूप बदले हैं. जैसे ही लगता है हमलोग कोरोना फ्री हो गए है तुरंत कोरोना अपने नए रूप में हमारे सामने आ जाता है. अब एक बार फिर कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 ने लोगों की नींद उड़ा दी है. कोरोना का नया स्ट्रेन जेएन.1 (coronavirus variant JN.1) ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है. पहले तो चीन, अमेरिका , सिंगापुर में मामले सामने आए थे लेकिन अब भारत में भी इसके मामले देखने को मिल रहे हैं. भारत के केरल राज्य में हाई एलर्ट जारी किया गा है. वहीं उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी है. स्वास्थ्य मंत्रालय भी इसे लेकर आए दिन बैठक कर रही है. अब सवाल यह उठता है कि क्या कोरोना का यह नया वेरिएंट खतरनाक है? ऐसे समय में स्वास्थ्य एक्सपर्ट का मानना है कि अपने आप को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए अपनी डाइट का अच्छा खासा ख्याल रखना चाहिए.


स्वास्थ्य एक्सपर्ट के अनुसार इम्युनिटी पर ज्यादा ध्यान देकर कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है. मुख्य पोषण तत्वों में हमें अपनी कैलोरी, ऑक्सीडेटिव तनाव, विटामिन, सूजन और डीटॉक्सिफिकेशन पर ध्यान देकर कोरोने संक्रमण के खतरे को कम कर सकते हैं.


Calories


अगर हम अपनी डाइट में कम कैलोरी वाले भोजन को जगह देते हैं तो इसके कारण आहार में विटामिन और खनिजों का अपर्याप्त सेवन हो सकता है, जो प्रतिरक्षा को कम करता है. कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट में पर्याप्त आहार से प्राप्त ग्लाइकोजन से प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है. चीनी, गुड़, फलों के रस, घी, तेल जैसे सरल कार्बोहाइड्रेट कैलोरी के अच्छे स्रोत हैं.


Inflammation


शरीर की संक्रमण, चोटों और विषाक्त पदार्थों से लड़ने की प्रक्रिया को Inflammation कहा जाता है. जब कुछ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, तो आपका शरीर उन रसायनों को छोड़ता है जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली से प्रतिक्रिया को ट्रिगर करते हैं. ओमेगा 3 फैटी एसिड, विट ए, ई और सी, जिंक सूजन को कम करने के लिए आवश्यक हैं.


Detoxification


शरीर द्वारा बनाए गए विष को लीवर डिटॉक्सीफाई करता है. डेटॉक्स मोटे तौर पर पर्याप्त नींद पर ध्यान देने के साथ-साथ पानी की मात्रा बढ़ाने, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ, चीनी, नमक के सेवन में कमी आदि पर केंद्रित है.जिसके द्वारा शरीर को डिटॉक्सीफाई किया जा सकता है.


Oxidative Stress


ऑक्सीडेटिव तनाव शरीर में मौजूद मुक्त कणों और एंटीऑक्सिडेंट के बीच असंतुलन पैदा करते हैं. सूक्ष्म पोषक तत्वों के रूप में एंटीऑक्सिडेंट का उपयोग बढ़े हुए ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद कर सकता है. सेलेनियम, विटामिन ए, ई और सी, लाइकोपीन और ल्यूटिन एंटीऑक्सिडेंट के अच्छे स्रोत हैं. इनमें दुग्ध उत्पाद, अंडे, हरी पत्तेदार सब्जियां, खट्टे फल, बादाम, मूंगफली, आदि शामिल हैं.


Vitamins


विटामिन डी, बी 6 और जिंक शरीर में प्रतिरक्षा को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. विटामिन डी आपके शरीर को कैल्शियम और फॉस्फोरस रक्त स्तर को बनाए रखने में मदद करता है. इसके कारण सांस की बिमारियों से भी निजात मिलता है. जिंक टी-कोशिकाओं (टी-लिम्फोसाइट्स) के उत्पादन और सक्रिय करने में मदद करने के लिए पाया गया है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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