सर्दियों का मौसम आ जाने के बावजूद इन दिनों भी लोग मच्छरों से परेशान हैं. मच्छरों से छुटकारा पाने के लिए लोग घरों में मॉस्किटो कॉइल, ऑल आउट आदि का इस्तेमाल करते हैं. मॉस्किटो कॉइल जलाने से भले ही मच्छर भाग जाते हो लेकिन, इसका हमारी सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है. हाल ही में एक रिसर्च में ये बात पता लगी कि एक कोइल 100 सिगरेट के बराबर खतरनाक है और इसमें से करीब पीएम 2.5 धुआं निकलता है जो बेहद ज्यादा है. यानी शरीर के लिए हानिकारिक है.
मॉस्किटो कॉइल से होने वाले नुकसान के बारे में बताने से पहले सबसे पहले यह समझिए कि ये बनती कैसे है. दरअसल, मच्छर भगाने वाली इस कॉल में डीडीटी, अन्य कार्बन फास्फोरस और खतरनाक तत्व होते हैं. ये सभी जब जलते है तो हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं. आइए जानते हैं मॉस्किटो कॉइल को जलाने से सेहत पर क्या असर होता है.
कैंसर
कई अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि लगातार मॉस्किटो कॉइल के जलाने से घर का वातावरण प्रदूषित होता है. मॉस्किटो कॉइल के लगातार संपर्क में रहने के कारण फेफड़ों के कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है.
आंखों में जलन
मॉस्किटो कॉइल से निकलने वाले धुएं के संपर्क में आने से आंखों में जलन और सिर दर्द की समस्या होने लगती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कभी भी इस प्रकार की धुंए के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए और इससे एक निश्चित दूरी बनाए रखनी चाहिए.
नवजात के लिए जहर के समान
अगर घर में नवजात शिशु या कोई बच्चा है जिसकी उम्र 6 साल से कम है तो उसके आसपास मॉस्किटो कॉइल नहीं जलानी चाहिए. इससे निकलने वाला धुआं उनकी सेहत के लिए जहर के समान होता है और कई गंभीर बीमारियों का कारण है.
सांस लेने में दिक्कत
अक्सर आपने ये देखा होगा कुछ लोग मच्छरों से बचने के लिए अपने बेड के नीचे कॉइल को जला देते हैं. ऐसा करना खुद की जान लेने के बराबर है. दरअसल, कॉइल से निकलने वाला धुआं सीधे व्यक्ति के शरीर में जाता है जिससे उसे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है और गंभीर परिस्थितियों में हार्टअटैक भी आ सकता है.
क्या है सबसे सही तरीका
डॉक्टर्स की मानें तो मच्छरों से बचने के लिए कॉइल जलाना सुरक्षित विकल्प नहीं है. इनसे बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग या फिर अन्य वैकल्पिक उपयोगों को प्रयोग में लाना चाहिए जिनसे धुंवा न निकलता हो. सलाह यही दी जाती है कि मच्छरों से बचने के लिए पूरी आस्तीन के शर्ट और पैंट पहने जिससे इनके काटने का खतरा कम हो जाता है और हम बीमारियों से बचे रहते हैं.
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