नई दिल्लीः तेजी से बदलती जीवनशैली के कारण भारत में पुरुषों की तुलना में करीब 40 फीसदी महिलाएं एनीमिया से जूझ रही हैं. इतना ही नहीं, पुरुष एनीमिया के बजाय डायबिटीज से जूझ रहे हैं. जानिए, इस रिसर्च में और किन चीजों को लेकर सर्वे किया गया.


क्या कहता है सर्वे-




  • सर्वे के मुताबिक, जहां महिलाओं को एनीमिया अधिक होता है वहीं महिलाओं की तुलना में 20 प्रतिशत से अधिक पुरुष डायबिटीज से पीड़ित हैं.

  • एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स के एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है.

  • करीब 80 फीसदी लोगों में विटामिन डी के स्तर में कमी पाई गई. महिलाओं में विटामिन डी की अधिक कमी थी जबकि पुरुषों में विटामिन डी की पर्याप्त नहीं थी.

  • पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक पाया गया. महिलाओं की तुलना में पुरुषों को कॉलस्ट्रॉल लेवल बिगडा हुआ था.

  • लगभग 38 फीसदी महिलाओं में पुरुषों (16 फीसदी) के मुकाबले एनीमिया के मामले अधिक थे. 61 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं में एनीमिया से पीड़ित होने की अधिक संभावना थी.

  • करीब 20 फीसदी व्यक्ति डायबेटिक या प्री डायबेटिक पाए गए. महिलाओं की तुलना में (17.36 फीसदी) पुरुषों में अधिक असामान्य शुगर लेवल (20.82 फीसदी) दिखा.

  • महिलाओं की तुलना में (77 फीसदी) पुरुषों में विटामिन डी स्तर (80 फीसदी) कम था. महिलाओं की तुलना में (27.85 फीसदी) पुरुषों (33.88 फीसदी) में विटामिन बी 12 का असामान्य स्तर अधिक था.

  • यह आंकड़ा 2015-17 के दौरान भारत में तीन लाख पुरुषों और महिलाओं पर किए गए सर्वे पर आधारित है.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट-


आरएंडडी, एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स के सलाहकार और मेंटॉर-डॉ. बी आर दास का कहना है कि मेडिकल साइंस और प्रौद्योगिकी के विकास के साथ, बहुत सी बीमारियों का ठीक और शीघ्र निदान किया जा सकता है.


एसआरएल डायग्नोस्टिक्स के सीईओ अरिंदम हल्दर ने कहा कि हर व्यक्ति की पहुंच सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक होनी चाहिए.


ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.