Mono Diet Health Risk: वजन कम करना एक मुश्किल टास्क है. क्योंकि इसके लिए एक स्ट्रॉन्ग कमिटमेंट की जरूरत होती है और हर कोई कमिटमेंट के रूल्स को फॉलो नहीं कर पाता. हालांकि वजन को कंट्रोल में रखना हर किसी के लिए जरूरी है. कुछ अध्ययनों में बढ़ते वजन और मोटापे को ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, दिल की बीमारी और यहा तक कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से भी जोड़ा गया है. ज्यादा वजन होने के सेहत पर कई बुरे प्रभाव पड़ते हैं. यही वजह है कि इसे कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है. 


वजन को कंट्रोल में रखने के लिए लोग अलग-अलग पैंतरे आजमाते हैं. इन्हीं में से एक पैंतरा 'मोनो डाइट' है, जिसका इस्तेमाल इन दिनों बड़ी संख्या में लोग कर रहे हैं. अब सवाल उठता है कि ये डाइट सेहत के लिए कितनी फायदेमंद और नुकसानदेह है? क्या ये शरीर को फायदे ज्यादा पहुंचाती है या फिर नुकसान? आइए जानते हैं इस डाइट के बारे में...


क्या है मोनो डाइट या मोनोट्रॉफिक डाइट? 


मोनोट्रॉफिक डाइट या मोनो डाइट में कई दिनों और हफ्तों तक एक ही तरह का खाना खाया जाता है. इस तरह की डाइट में कोई रूल्स और रेगुलेशन नहीं होते हैं. आप चाहें तो केले को मोनो डाइट का हिस्सा बना सकते हैं या अंडों को इस डाइट में शामिल कर सकते हैं. मोनो डाइट चूंकि एक सिंगल फूड डाइट है तो इसमें सिर्फ एक ही तरह के खाने को शामिल किया जाता है. अगर आप मोनो डाइट के लिए केले को चुन रहे हैं तो हर समय सिर्फ केला ही खाना है. हालांकि आपको बता दें कि इन दावों का साइंस द्वारा समर्थन नहीं किया गया है. ऐसे कई कारण हैं, जिनकी वजह से इस डाइट को अपनाने से आपको बचना चाहिए. 


मोनो डाइट के फायदे


1. जो मोनो डाइट का समर्थन करते हैं, उनका कहना है कि इस डाइट से जल्दी और आसानी से आपका वजन कम हो सकता है.


2. मोनो डाइट का पालन करना बहुत आसान है, क्योंकि आपको इस डाइट में सिर्फ एक ही तरह के आहार की जरूरत होती है.


3. मोनो डाइट में कम कैलोरी का सेवन करने से वजन को तेजी से घटाने में मदद मिल सकती है. इस डाइट के साथ एक्सरसाइज करना भी आपके लिए फायदेमंद साबित होगा.


मोनो डाइट से जुड़े खतरे


1. अगर आप वजन घटाने के चक्कर में दिन में केवल एक ही बार भोजन करना चुनते हैं तो इससे शरीर में कैलोरी की मात्रा बहुत कम हो सकती है, जो अपने आप में एक चिंता की बात है. ऐसा करने से न सिर्फ शरीर में सूजन की समस्या पैदा होगी, बल्कि मांसपेशियों को भी नुकसान पहुंच सकता है.


2. यह डाइट अलग-अलग फूड आइटम्स को खाने की क्रेविंग पैदा करती है. क्योंकि इसमें आप सिर्फ एक ही तरह का खाना खा रहे होते हैं.


3. तेजी से वजन घटाने की कोशिश की वजह से आपको इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस, पित्त की पथरी, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, कब्ज, इरेगुलर पीरियड्स, बालों का झड़ना और डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है. मोनो डाइट से कुपोषण, थकान और मांसपेशियों का नुकसान जैसी स्थिति भी झेलनी पड़ सकती है. 


क्या मोनो डाइट को ट्राय करना चाहिए?


मोनो डाइट टिकाऊ नहीं होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें आप सिर्फ एक ही तरह का भोजन करते हैं. जबकि शरीर को अलग-अलग पोषक तत्वों को हासिल करने के लिए अलग-अलग भोजन की जरूरत होती है. आप सिर्फ एक ही भोजन से सारे पोषक तत्व हासिल नहीं कर सकते. यही वजह है कि मोनो डाइट सेहत के लिए उतनी फायदेमंद नहीं है. अगर आप वजन घटाना चाहते हैं तो हर तरह के पोषक तत्वों से भरपूर फूड आइटम्स को अपनी फूड डाइट में शामिल करें और अनहेल्दी चीजों से दूर रहें.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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