किसी भी काम को करने से पहले हमारा दिमाग अपने आप ज्यादा चिंता करने लगता है, जिससे अंग्रेजी में एंग्जाइटी कहते है. नया काम शुरू करने से पहले यह होना काफी आम बात है. हालांकि, एंग्जाइटी ज्यादा होना शरीर को नुकसान देती है. ज्यादा चिंता करने के कारण आप अपनी मेंटल हेल्थ को ही नहीं बल्कि अपने शरीर को भी काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं.

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कैसे होता है शरीर खराब

एंग्जाइटी की वजह से हमारे शरीर का स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल ज्यादा हो जाता है. इसके कारण नींद कम आना, खाना देरी से पचना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा डॉक्टर बताते हैं कि यह एक ऐसी चीज है, जिसके बारे में लोग दूसरे लोगों से शेयर नहीं करना चाहते है. उन्हें लगता है कि समाज उन्हें जज करेगा. अगर वह खुल कर इस बारे में लोगों या डॉक्टर से बात नहीं करेंगे तो उनकी आम जिंदगी पर काफी ज्यादा असर पड़ेगा और उन्हें गलत ख्याल आने लगेंगे. साथ ही साथ भूख कम लगना, बालों का झड़ना, लोगों से अलग रहना इन सारी चीजों का सामना करना पड़ेगा. शरीर एंग्जाइटी के कारण हमेशा एक्टिव रहता है, जिससे उसके शरीर की सारी एनर्जी उसमें चली जाती है. 

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कैसे एंग्जाइटी को ठीक किया जा सकता है?

  • अपनी सांसों और अपने उठने-बैठने के तरीके और पोश्चर पर ध्यान दें.
  • जब भी आप अजीब महसूस करें तो आराम से लंबी-लंबी सांस लें.
  • इसके अलावा योगा करें, बाहर रोज सुबह टहलने जाया करें.
  • आराम और मन को शांति देने वाले गाने को सुनें. शरीर को महसूस कराएं कि आप अभी किसी भी परेशानी में नहीं हैं.
  • मन में अच्छे विचारों को लाएं. खुद से अच्छी-अच्छी बातें करें. 
  • बीच-बीच में शरीर को आराम दें वरना आपकी पूरी एनर्जी लो हो जाएगी.
  • इसके अलावा उन दोस्तों से बात करें, जिनके साथ आप अच्छा महससू करती हैं. बिना किसी हिचकिचाहच के उनके साथ बातों को शेयर करें.
  • अगर आपको लगता है कि एंग्जाइटी अब आपकी हर दिन का नार्मल कामों पर असर डाल रही है, तो डॉक्टर की सलाह लें.

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