Heart Attack: हार्ट अटैक को मेडिकल लेंग्वेज में मायोकार्डियल इन्फ्राक्शन भी कहा जाता है. हार्ट अटैक तब आता है, जब दिल को खून की सप्लाई ठीक तरह से नहीं हो पाती या रुक जाती है. ऐसे स्थिति में अगर दिल को समय पर खून की सप्लाई नहीं होती तो इंसान की मौत भी हो सकती है. हार्ट अटैक एक खतरनाक स्थिति है, जिसमें कई बार इलाज लेने तक का समय नहीं मिलता और इसी वजह से कई लोगों की मौत हो जाती है. महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण पुरुषों को समान ही होते हैं. 


ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के मुताबिक, हार्ट अटैक के सबसे आम लक्षण सीने में दर्द और बेचैनी है, जो अचानक होती है और फिर जल्दी ठीक भी नहीं होती. ये लक्षण आपकी छाती में दबाव या भारीपन जैसा महसूस कराते है. आपको इनडाइजेशन या जलन जैसा महसूस भी हो सकता है. नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) का कहना है कि हार्ट अटैक के और भी कई कॉमन सिम्टम्स है, जैसे- 


1. बाएं या दाएं हाथ या गर्दन में दर्द होना और दर्द जबड़े, पीठ और पेट में फैल जाना. 


2. बीमार महसूस करना


3. बेवजह पसीने से भीग जाना 


4. सांस लेने में तकलीफ महसूस होना


5. खांसी या घरघराहट


6. चिंता की भावना पैदा होना


क्या हार्ट अटैक के लक्षण महिलाओं में अलग होते हैं?


इस बात पर बहस अभी-भी जारी रही है कि क्या महिलाओं और पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षण अलग-अलग होते हैं. ब्रिटिश हार्ट फ़ाउंडेशन का तर्क है कि जेंडर की परवाह किए बिना हार्ट अटैक के लक्षण और गंभीरता एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग होती है. नेशनल हेल्थ सर्विस का कहना है कि हार्ट अटैक के दौरान महिलाओं को सांस लेने में दिक्कत, बीमार होने, पीठ या जबड़े में दर्द होने की संभावना ज्यादा रहती है.


महिलाएं लक्षणों को क्यों नहीं पहचान पातीं?


अफसोस की बात है कि महिलाएं लक्षणों को जल्दी नहीं पहचान पाती हैं. पुरुषों के स्वास्थ्य को देखकर उनकी स्थिति के बारे में पता लगाया जा सकता है. लेकिन महिलाओं के मामले में हर बार ऐसा नहीं होता. वे सीने में दर्द को इनडाइजेशन तक कम कर सकती हैं. बीएचएफ का कहना है कि महिलाओं को हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानना, उन्हें सीरियसली लेना और दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचने से पहले इसपर काम करना जरूरी है.  
 
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