थायरॉइड (Thyroid) की बीमारी किसी को कभी भी हो सकती है. कुछ लोगों को यह कम उम्र में हो जाती है तो कुछ लोगों को प्रेग्नेंसी के दौरान होती है. अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह होता क्यों है? दरअसल, थायरॉइड एक ग्लैंड है जब उसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी होती है तो थायरॉइड बढ़ जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि थायरॉइड एक बटरफ्लाई के आकार का ग्लैंड होता है. इसका मेन काम है ऐसे ग्लैंड को बनाना जो शरीर के सभी ऑर्गन में जाकर उसके फंक्शन को सही तरीके से काम करने में मदद करता है. ऑनली माई हेल्थ में छपी खबर के मुताबिक थायरॉइड की बीमारी से जुड़ कुछ फैक्ट्स आपके सामने पेश करने जा रहे हैं. 


कब होती है थायरॉइड की बीमारी


जब आप थायरॉइड ग्लैंड का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने लगते हैं तो थायरॉइड की बीमारी हो सकती है. जैसे कि हमने शुरू में ही कहा था कि थायरॉइड की बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है. 


थायरॉइड तीन तरह के होते हैं


हायपोथायराइडिज्‍़म 


यह सबसे कॉमन थायरॉाइड होता है. इसमें थायरॉइड ग्लैंड नॉर्मल से कम एक्टिव हो जाता है. जिसकी वजह से यह जरूरत से कम काम करने लगती है. इसमें आपको पूरी जिंदगी दवाई खानी पड़ सकती है. 


प्रेग्नेंसी के वक्त अगर यह थायरॉइड किसी महिला को हो जाए तो कुछ ऐसे लक्षण होते हैं:


वजन बढ़ना


बच्चे का ग्रोथ रूकना या उनकी लंबाई भी बढ़ सकती है


सुस्ती छाना


कॉन्स्टिपेशन


पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं


हायपर थायरॉइडिज्‍़म


इसमें थायरॉइड ग्लैंड ज्यादा एक्टिव हो जाता है. इस स्थिति में मरीज को कभी-कभी डिओएक्टिव आयोडिन या ऑपरेशन की जरुरत पड़ सकती है. 


हायपर थायरॉइडिज्‍़म  में इस प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं


तेजी से वजन कम होना


हार्ट बीट में चेंजेज


गले में सूजन 


हेयर फॉल


गॉयटर


यह थायरॉइड की ऐसी टाइप है जिसमें गले में सूजन होने लगते हैं और दिखाई देने लगता है. इसे यूथायरॉइडर  गॉयटर कहा जाता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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