नई दिल्लीः शुक्राणु की कमी इंफर्टिलिटी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ये पुरुषों में बीमारी का जोखिम भी बढ़ा सकता है. एक नए रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है. जानिए, स्पर्म काउंट कम होने से पुरुषों को किस बीमारी का खतरा अधिक हो सकता है.


क्या कहती है रिसर्च-
रिसर्च के मुताबिक, पुरुषों में स्पर्म काउंट की कमी को उनके स्वास्थ्य और इंफर्टिलिटी के संकेत के रूप में देखा जाता है. ऐसे में इनका मूल्यांकन पुरुषों के स्वास्थ्य और बीमारियों का उपचार करने का मौका देता है.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
इटली के ब्रेशिया विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर और मुख्य शोधकर्ता अल्बटरे फेरलिन का कहना है कि ये रिसर्च दिखाती है कि पुरुषों में स्पर्म काउंट की कमी मेटाबॉलिक बदलाव, हार्ट डिजीज का खतरा और हड्डी के मांस में कमी से जुड़ा हुआ है.


इंफर्टिलिटी की समस्या से गुजर रहे पुरुषों को पहले से ही कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं जो उनकी लाइफ क्वालिटी को बिगाड़ सकते हैं और उनका लाइफ स्पर्म कम कर सकते हैं.


रिसर्च के नतीजे-
इंफर्टिलिटी की समस्या से गुजर रहे तकरीबन 5,177 पुरुषों पर रिसर्च की गई. जिसमें पाया गया कि रिसर्च में शामिल कुल पुरुषों की आधी संख्या में स्पर्म काउंट की कम थी और ऐसे पुरुषों में अधिक फैट, हाई ब्लड प्रेशर, बैड कोलेस्ट्राल और अच्छा (एटडीएल) कोलेस्ट्राल कम होने की आशंका थी. इतना ही नहीं, ऐसे पुरुषों में मेटाबॉलिक जोखिम कारक जैसे डायबिटीज, हार्ट डिजीज और स्ट्रोक की आशंका भी बढ़ाते हैं.


शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पाया कि शुक्राणु की कमी वाले पुरुषों में हाइपोगोनेडिज्म का जोखिम और लो टेस्टोस्टेरोन का स्तर भी 12 फीसदी बढ़ जाता है. लो टेस्टोस्टेरोन वाले आधे से ज्यादा पुरुषों में हड्डी के मांस में कमी पाई गई.


ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.