नयी दिल्ली: दिल्ली सरकार ने  उच्चतम न्यायालय में कहा कि राजधानी में इस वर्ष 2016 की तुलना में डेंगू और चिकनगुनिया के कम मामले सामने आये हैं और स्थिति ‘खराब नहीं’ है.


न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ के समक्ष दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि नगर निगम द्वारा संकलित आंकडों के अनुसार, सात अक्तूबर तक राजधानी में चिकनुगुनिया के 368 मामले सामने आये थे जबकि इस अवधि में अखिल भारतीय स्तर पर इनका आंकडा 8,726 था.


उन्होंने कहा कि इसी तरह सात अक्तूबर तक राजधानी में डेंगू के 2,152 मामलों का पता चला. इसमें इस वजह से एक व्यक्ति की मृत्यु का मामला भी शामिल है.


पिछले साल, दिल्ली में बडे पैमाने पर चिकनगुनिया और डेंगू के मामले हुये थे. नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकडों के अनुसार, तीन दिसंबर, 2016 तक डेंगू के 9,633 और चिकनगुनिया के 4,305 मामले सामने आये थे.


आंकडों के अनुसार, इस साल राजधानी में डेंगू के कुल 4,545 मामले सामने आये. इनमें से 2,152 दिल्ली निवासी थे जबकि शेष दूसरे राज्यों से थे. इन 2,152 मामलों में से 345 इसी महीने सामने आये हैं.


डेंगू और चिकनगुनिया की बीमारी साफ पानी में पैदा होने वाले एडिस एजिप्टी मच्छरों से होती है.


इस मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि इस साल स्थिति खराब नहीं है और वह एक सप्ताह के भीतर इस संबंध में हलफनामा दाखिल करेंगे.


शीर्षअदालत ने 2015 में कथित रूप से पांच निजी अस्पतालों द्वारा इलाज से इंकार की वजह से डेंगू से ग्रस्त सात वर्षीय बच्चे की मृत्यु के मामले का स्वत: ही संज्ञान लिया था. इस बच्चे  के माता-पिता ने बाद में आत्महत्या कर ली थी. न्यायालय ने इस पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा था.