Tingling Reason's: हाथ पैरों में सुन्नाहट या झनझनाहट होना आम बात है. कभी कभी देर तक एक ही पोस्चर में बैठे रहने के कारण भी हाथ पैरों में झुरझुरी या क्रेंप आ जाता है. कई लोगों के हाथ पैरों में चींटी काटने जैसा दर्द और झन्नाहट होती है. ऐसा दिन में कई बार होता है और कभी कभी हाथ पैरों के साथ साथ सिर में भी ऐसा ही एक्सपीरिएंस होता है. अगर आपके साथ भी अक्सर ऐसा होने लगा है तो इसे नजरंदाज करने की बजाय इसके पीछे की वजह जाननी जरूरी है. हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि हाथ पैरों में चींटी काटने जैसी झनझनाहट के पीछे कुछ गंभीर परेशानियों के लक्षण हो सकते हैं. चलिए जानते हैं इनके बारे में. 

 

हाथ पैरों में क्यों लगता है काट रही हैं चीटियां

 


  • हाथ पैरों में चींटी काटने जैसी झनझनाहट पैदा होने का संकेत डायबिटीज हो सकता है. दरअसल जब शुगर मरीज की बॉडी में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ता है तो हाथ पैरों में दर्द होने लगता है और झनझनाहट पैदा होने लगती है. ऐसा  लगता है जैसे कई सारी चींटियां काट रही है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ब्लड शुगर बढ़ने पर नसों को नुकसान होता है और हाथ पैर सुन्न पड़ जाते हैं. इसलिए अगर आपके साथ ऐसी परेशानी हो रही है तो आपको अपना ब्लड शुगर चैक करवाना चाहिए. 

  • हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि शरीर में कुछ विटामिनों की कमी के चलते भी ऐसा एक्सपीरिएंस हो सकता है. इन विटामिनों में विटामिन बी 12 और विटामिन ई शामिल है. विटामिन ई की कमी से त्वचा में झुरझुरी पैदा होने लगती है. 

  • इसके अलावा थॉयराइड की परेशानी में भी हाथ पैरों में झुनझुनाहट होना आम बात है. जब शरीर में थॉयराइड हार्मोन का इनबैलेंस होता है तो हाथ पैर सुन्न हो जाते हैं और झुरझरी होने लगती है. 

  • आपको बता दें कि कई दवाओं के साइड इफेक्ट के रूप में भी हाथ पैरों में सुन्नाहट और झनझनाहट होती है. कैंसर के दौरान कीमोथैरेपी करवाने के बाद हाई बीपी, बुखार और के बाद दी जाने वाली दवाओं के चलते भी हाथ पैरों में ऐसा अनुभव होता है. 

  • इसके साथ साथ शरीर में एक गंभीर बीमारी के रूप में अगर ट्यूमर पैदा हो रहा है तो इसका संकेत भी हाथ पैरों की झनझनाहट से मिलता है. ट्यूमर को आमतौर पर कैंसर जैसी बीमारी की शुरूआत माना जाता है. ऐसे में बॉडी की इम्यूनिटी कमजोर होती है और हाथ पैरों की नसें कमजोर होने के कारण शरीर में झनझनाहट होती है. ऐसे में अगर आपको बार बार ये समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टरी जांच करवानी चाहिए.


 

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