घुटने हमारी बॉडी के ऐसे अहम जॉइंट्स हैं, जो हर रोज की एक्टिविटीज जैसे चलना, दौड़ना या बैठना, हर काम में एक्टिव रहते हैं. इसलिए, घुटनों की सही केयर बहुत जरूरी हो जाती है. कई लोग नी पेन से रिलीफ पाने के लिए घरेलू इलाज अपनाते हैं. हालांकि, लंबे टाइम तक घुटनों को दर्द बना रहे, तो ये बड़े खतरे का संकेत हो सकता है. इससे आप दो कदम भी चलने में असमर्थ हो जाएं.

ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव बताते हैं कि आपके घुटने अगर ठीक से काम न करें, तो दो कदम चलना भी मुश्किल हो सकता है. उम्र बढ़ने, चोट लगने या कुछ बीमारियों के कारण ये खराब हो सकते हैं, जिससे दर्द और गतिशीलता में कमी आती है. ऐसे में इनका ख्याल रखना बहुत जरूरी हो जाता है।

घुटनों को कैसे रखें हेल्दी और स्ट्रॉन्ग?

आपके घुटने बॉडी के सबसे इम्पोर्टेंट और कॉम्प्लेक्स जॉइंट्स में से हैं. इनकी सही केयर करना बहुत जरूरी है, क्योंकि नी प्रॉब्लम्स आपकी मोबिलिटी और लाइफ क्वॉलिटी को बुरी तरह अफेक्ट कर सकती हैं. 

  • वेट को कंट्रोल करें: आपके घुटनों पर सबसे ज्यादा लोड आपकी बॉडी का वेट डालता है. एक्स्ट्रा वेट सीधे तौर पर घुटनों के कार्टिलेज पर प्रेशर बढ़ाता है, जिससे उनका डैमेज तेजी से होता है और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी प्रॉब्लम्स हो सकती हैं.
  • रेगुलर और सही एक्सरसाइज करें: घुटनों को स्ट्रॉन्ग और फ्लेक्सिबल बनाए रखने के लिए फिजिकल एक्टिविटी बहुत जरूरी है. नियमित हल्के से मीडियम इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज जैसे तेज वॉकिंग, साइक्लिंग, स्विमिंग या योगा चुनें. ये एक्सरसाइज घुटनों पर कम प्रेशर डालती हैं, जबकि उनके आसपास की मसल्स को स्ट्रॉन्ग करती हैं। 
  • बैलेंस्ड और न्यूट्रिएंट्स से भरपूर डाइट लें: आपकी डाइट का सीधा असर आपकी बोंस और जॉइंट्स की हेल्थ पर पड़ता है. अपनी डाइट में कैल्शियम, विटामिन डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर चीजें शामिल करें. ये न्यूट्रिएंट्स बोन डेंसिटी को मेंटेन रखने और जॉइंट्स में इन्फ्लेमेशन को कम करने में हेल्प करते हैं, जिससे घुटने हेल्दी रहते हैं.
  • सही पोस्चर अपनाएं: खड़े होते, बैठते या चलते टाइम हमेशा सही पोस्चर मेंटेन करना जरूरी है. गलत पोस्चर घुटनों और स्पाइन पर अननेसेसरी प्रेशर डालता है, जिससे टाइम के साथ प्रॉब्लम्स क्रिएट हो सकती हैं. सीधे खड़े हों, शोल्डर्स पीछे रखें और वेट को दोनों पैरों पर इक्वली डिस्ट्रीब्यूट करें.
  • रेस्ट और इंजरी से बचाव: अगर आपको घुटनों में पेन, स्वेलिंग या कोई प्रॉब्लम फील हो, तो उन्हें इनफ रेस्ट देना जरूरी है. ओवरएग्जर्शन से बचें और इंजरी होने पर इमीडिएट ट्रीटमेंट करवाएं. स्पोर्ट्स या हैवी वर्क करते टाइम सही सेफ्टी इक्विपमेंट का यूज करें. 
  • हॉट और कोल्ड कंप्रेशन का यूज: पेन या स्वेलिंग होने पर हॉट या कोल्ड कंप्रेशन से काफी रिलीफ मिल सकता है. कोल्ड कंप्रेशन (आइस पैक) स्वेलिंग और पेन को कम करने में हेल्प करता है, स्पेशली इंजरी के तुरंत बाद. वहीं, हॉट कंप्रेशन (हीटिंग पैड) मसल्स को रिलैक्स करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, जो क्रॉनिक पेन में बेनिफिशियल हो सकता है.
  • डॉक्टर से रेगुलर कंसल्टेशन: यदि आपको घुटनों में कंटीन्यूअस पेन, स्टिफनेस, स्वेलिंग या किसी भी टाइप की प्रॉब्लम फील हो रही है, तो तुंरत किसी ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट से कंसल्ट करें. वे आपकी कंडीशन का सही डायग्नोसिस कर आपकी एज, हेल्थ कंडीशन और लाइफस्टाइल के अकॉर्डिंग प्रॉपर ट्रीटमेंट और मैनेजमेंट प्लान बता सकते हैं.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.