Kids Care Tips: लॉकडाउन के बाद से ही बच्चों में एक अलग तरह की बीमारी देखने को मिल रही है. बच्चों के डॉक्टर के मुताबिक, लॉकडाउन में ऑनलाइन एजुकेशन के बढ़ने की वजह से बच्चों में पढ़ने-लिखने की क्षमता कम हो गई  है और चीजों को वे जल्दी भूल जा रहे हैं. यही वजह है कि वे जिद्दी होते जा रहे हैं. मनोरोग विशेषज्ञ (psychiatry) के अनुसार, ऑनलाइन एजुकेशन के दौरान बच्चे स्क्रीन से जुड़े और अब यही उनकी दुनिया बनती जा रही है. जिसका असर उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर साफ देखने को मिल रहा है. छुट्टी के दिनों में भी कुछ स्कूल ऑनलाइन क्लासेस चला रहे हैं, जिससे बच्चों में यह समस्या देखने को मिल रही है.

बच्चों में बढ़ रहा जिद्दीपन, चिड़चिड़ाहट


स्क्रीन पर ज्यादा वक्त बिताने की वजह से बच्चे जिद्दी होते जा रहे हैं और बात-बात पर चिड़चिड़े भी. ऑनलाइन एजुकेशन से कुछ बच्चों में पढ़ने लिखने की क्षमता भी काफी कम हुई  है. पढ़ने में अच्छे बच्चे भी कमजोर हुए हैं, ऐसे भी मामले देखने को मिल रहे हैं. जब ऑफलाइन क्लासेस चलती थीं, तब बच्चे सीरियस होकर क्लास में बैठते और मन के सवालों को टीचर्स से पूछते थे. यही वजह है कि ऑफलाइन एजुकेशन बच्चों के विकास के लिए ज्यादा बेहतर है.

बच्चों में इन संकेतों को समझें पैरेंट्स


एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब-करीब हर बड़े हॉस्पिटल में आए दिन ऐसे कई मामले देखने को मिल रहे हैं. पैरेंट्स बच्चों की इस तरह की समस्याएं लेकर डॉक्टर के पास पहुचं रहे हैं. ऐसे बच्चों की उम्र 5 से 13 साल तक है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर आपका भी बच्चा स्क्रीन पर ज्यादा वक्त दे रहा है. गुमसुम रहता है और उसके स्वभाव में जिद्दीपन-चिड़चिड़ाहट देखने को मिल रही है तो इस लक्षण को गंभीरता से लेना चाहिए. ऐसे में बच्चे का मन पढ़ने-लिखने में भी नहीं होता है.

माता-पिता को क्या करना चाहिए


बच्चों को ज्यादा से ज्यादा वक्त दें और उनकी बातें सुनें.

उसके दोस्तों से बात कर उसकी जानकारी लें.

मोबाइल पर आपका बच्चा क्या देख रहा और कितनी देर तक देख रहा, इस पर भी नजर रखें.

बच्चे के व्यवहार का ध्यान रखें. अगर गड़बड़ी लगे तो काउंसलिंग करें.

बच्चे की हर मांग, हर जिद पूरी न करें. डॉक्टर की सलाह लें.

 

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