Fasting Benefits: भारत में उपवास (fast) रहने की परंपरा सदियों से रही है. यहां हफ्ते में एक दिन अपने अपने भगवान के हिसाब से लोग उपवास करते हैं और उस दिन वीधिवत तरीके पूजा पाठ करते हैं. हालांकि, उपवास को सिर्फ धार्मिकता से जोड़ कर ही देखना ठीक नहीं होगा. उपवास को अब लोग विज्ञान से जोड़ कर देखने लगे हैं और वैज्ञानिक रूप  से इसके कई फायदे भी हैं. आज हम बताते हैं कि जब आप समय-समय पर उपवास करते हैं तो इससे आपके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है. इसके साथ ही हम आपको यहां बताएंगे कि वो कौन से लोग हैं, जिनको फास्ट रखने से पहले अपने डॉक्टर से इसके बारे में सलाह जरूर लेनी चाहिए.


फास्ट कैसे और क्यों रखना चाहिए 


समय-समय पर उपवास करना शरीर को शुद्ध करने का एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका हो सकता है. सदियों से उपवास का अभ्यास शरीर को विषमुक्त करने और स्वास्थ्य में सुधार करने के तरीके के रूप में किया जाता रहा है. अगर आप इसे ठीक से करते हैं तो उपवास पाचन तंत्र को सही कर सकता है. सबसे बड़ी बात की उपवास के दिन शरीर अपनी ऊर्जा स्वयं की मरम्मत और उसके कायाकल्प पर खर्च करता है. कुछ लोग उपवास के बाद बढ़ी हुई ऊर्जा, बेहतर मानसिक स्पष्टता और एक मजबूत इम्यून सिस्टम का अनुभव करते हैं.


किन्हें नहीं करनी चाहिए फास्टिंग


 उपवास शुरू करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से इसकी सलाह जरूर लेनी चाहिए. खासकर यदि आपकी कोई चिकित्सीय समस्या है या आप दवा ले रहे हैं, तो आपको बिना मेडिकल सलाह के उपवास नहीं रखना चाहिए. दरअसल, उपवास के कुछ जोखिम भी हो सकते हैं, खासकर अगर अनुचित तरीके से या लंबे अवधि के लिए ये किया जाता है. दरअसल, उपवास हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है. विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो शुगर, लो ब्लड प्रेशर और खाने के कुछ रोग जैसी चिकित्सीय स्थितियों से पीड़ित हैं. वो महिलाएं जो गर्भवती हैं, स्तनपान कराती हैं, या अनियमित खान-पान से जूझ रही हैं, उन्हें भी उपवास से बचना चाहिए.


फास्टिंग के फायदे


अगर आप सही तरीके से और डॉक्टरी सलाह के जरिए फास्टिंग करते हैं तो आपको इसके माध्यम से कई स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकते हैं. इन स्वास्थ्य लाभों में ये निम्न शामिल हैं- 


वजन कम करना: उपवास कैलोरी की मात्रा को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे वजन कम होता है और शरीर की संरचना में सुधार होता है.


बेहतर इंसुलिन संवेदनशीलता: उपवास इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकता है, जो ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने और टाइप 2 डायबिटिज के जोखिम को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है.


कम सूजन: उपवास शरीर में सूजन के स्तर को कम करने में सहायक होता है, खास तौर से अगर ये सूजन कई पुरानी बीमारियों से जुड़ा हुआ है तो इसमें ये ज्यादा कारगर है.


हार्ट के लिए फायदेमंद: उपवास ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल के स्तर और ऑक्सीडेटिव तनाव को बेहतर करता है, ये सभी हृदय संबंधी स्वास्थ के लिए महत्वपूर्ण कारक हैं.


बढ़ी हुई मानसिक स्पष्टता: कुछ लोगों का मानना है कि उपवास के बाद मानसिक स्पष्टता और ध्यान में सुधार होता है. खास तौर से ये मस्तिष्क-व्युत्पन्न न्यूरोट्रॉफिक कारक (BDNF) और अन्य लाभकारी ब्रेन केमिकल्स के उत्पादन में मदद करता है.