शरीर पसीना आना शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है, जिससे शरीर अपने आप को ठंडा रखता है. लेकिन जब बिना किसी मेहनत के अचानक जरूरत से ज्यादा पसीना आने लगे और यह सोशल लाइफ में डिकंफर्ट पैदा करने लगे तो कहीं लोग को अंदर ही अंदर चिंता होने लगती है कि कहीं यह किसी गंभीर समस्या का संकेत तो नहीं है. इसे लेकर एक्सपर्ट्स बताते हैं कि उनके पास आने वाले कई मरीज एंग्जायटी, पैनिक अटैक या नींद न आने की शिकायत लेकर आते हैं. हालांकि मरीजों को सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात जरूरत से ज्यादा पसीना आना होती है, जो उनकी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करने लगती है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि ज्यादा पसीना आना स्ट्रेस है या हार्मोन का असर और एक्सपर्ट्स इसके पीछे की सच्चाई क्या बताते हैं.
एंग्जायटी से जुड़ा पसीना कैसा होता है?
एक्सपर्ट के अनुसार एंग्जायटी से जुड़ा पसीना एक खास तरीके से आता है. यह आमतौर पर किसी फिजिकल एक्टिविटी की वजह से नहीं बल्कि उस कंडीशन के डर या अनुमान से शुरू होता है. जैसे मीटिंग से पहले, सोशल बातचीत के दौरान या भीड़भाड़ वाली जगह पर. वहीं ठंडा मौसम होने के बावजूद हथेलियां में नमी, चेहरे पर लालिमा या कपड़ों तक पसीना पहुंच जाना इसके संकेत हो सकते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एंग्जायटी के समय शरीर फाइट या फ्लाइट मोड में चला जाता है और स्ट्रेस हार्मोन पसीने की ग्रंथियां को ज्यादा सक्रिय कर देते हैं.
हर बार पसीना आने की नहीं होती है मानसिक वजह
एक्सपर्ट यह भी बताते हैं कि हर ज्यादा पसीना आना मानसिक समस्या से जुड़ा हो ऐसा जरूरी नहीं है. कई बार हार्मोनल बदलाव भी इसकी वजह बन सकते हैं. खासतौर पर महिलाओं में पेरिमेनोपॉज और मेनोपॉज के दौरान अचानक हॉट फ्लैश और नाइट स्वेट्स देखने को मिलते हैं, जो एंग्जायटी जैसा लग सकता है. इसके अलावा थायराइड से जुड़ी समस्याओं में भी लगातार पसीना आ सकता है, साथ में वजन में बदलाव, दिल की धड़कन तेज होना या गर्मी बर्दाश्त न होना जैसे लक्षण दिख सकते हैं
नाइट स्वेटिंग को नजरअंदाज न करें
एक्सपर्ट के अनुसार रात में बहुत ज्यादा पसीना आना एक अहम संकेत हो सकता है. अगर पसीने की वजह से बार-बार कपड़े या चादर बदलने पड़े तो उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. वहीं अगर इसके साथ वजन कम होना, बुखार रहना या बिना किसी वजह थकान महसूस हो तो यह किसी मेडिकल समस्या की ओर इशारा हो सकता है. इसके अलावा एक्सपर्ट्स यह भी बताते हैं कि कुछ दवाइयां भी ज्यादा पसीने का कारण बन सकती है. एंटीडिप्रेसेंट, एंग्जायटी की दवाइयां या कुछ पेन किलर के साइड इफेक्ट के तौर पर यह परेशानी हो सकती है. कई मरीज इसे छोटी बात समझकर डॉक्टर को बताते नहीं है, जबकि इससे इलाज पर असर पड़ सकता है.
एक्सपर्ट्स का कहना इस विषय पर बात करना जरूरी
एक्सपर्ट बताते हैं कि एंग्जायटी की वजह से पसीना आना कोई कमजोरी नहीं है और इसका इलाज संभव है. थेरेपी, स्ट्रेस मैनेजमेंट और जरूरत पड़ने पर दवाओं से इस समस्या में काफी राहत मिल सकती है. साथ ही कैफीन का ज्यादा सेवन, नींद की कमी और लगातार मानसिक दबाव जैसे कारणों को पहचानना भी जरूरी है. वहीं एक्सपर्ट मानते हैं कि मेंटल और फिजिकल हेल्थ को अलग-अलग नहीं देखा जाना चाहिए.
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