Intermittent Fasting: आजकल खुद को फिट रखने के लिए लोग फैंसी डाइट अपना रहे हैं. इंटरमिटेंट फास्टिंग इनमें से ही एक है. इसमें एक लंबे अंतराल के बाद कुछ खाया जाता है. हालांकि, हाल ही में आई अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की एक रिसर्च रिपोर्ट में इस डाइट को लेकर सावधान किया गया है. बताया गया है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) से दिल की बीमारियां बढ़ सकती हैं. इतना ही नहीं इससे जान तक जा सकती है. आइए जानते हैं इस बीमारी को लेकर क्या कहता है रिसर्च...

 

इंटरमिटेंट फास्टिंग क्यों खतरनाक

शिकागो में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने लाइफस्टाइल एंड कार्डियोमेटाबॉलिक साइंटीफिक सेशन के तरह एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. इस सेशन में एक रिसर्च रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें इंटरमिटेंट फास्टिंग को लेकर आगाह किया गया. रिसर्च के अनुसार, ऐसे लोग जो दिनभर में सिर्फ 8 घंटे की इंटिंग विंडो ही फॉलो करते हैं, उनमें हार्ट डिजीज से मौत का खतरा 91 परसेंट तक बढ़ जाता है. दिल के रोगियों में 8-10 घंटे रिस्टरिक्टिड डाइट फॉलो करने से 66 प्रतिशत तक हार्ट की बीमारी या स्ट्रोक से मौत का खतरा बढ़ जाता है.

 

इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या होती है

डायटीशियन के मुताबिक, हमारे देश में बहुत से लोग सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले खाने का सिस्टम फॉलो करते हैं. ऐसे में इंटरमिटेंट फास्टिंग ही नहीं, काम के घंटे, स्मोकिंग और अल्कोहल इनटेक के साथ डाइट-लाइफस्टाइल भी सेहत पर बुरा असर डाल रही हैं. इंटरमिटेंट फास्टिंग में एक अंतराल में कुछ खाना होता है. कभी भी इंटरमिटेंट फास्टिंग बिना डायटीशियन की सलाह के शुरू नहीं करना चाहिए. वरना इसका गलत तरीका कई समस्याओं को जन्म दे सकता है. ऐसे में कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए.

 

इंटरमिटेंट फास्टिंग को लेकर इन बातों का रखें ध्यान

 

1. बीमारी में न करें इंटरमिटेंट फास्टिंग

इंटरमिटेंट फास्टिंग हमेशा हेल्थ कंडीशन सही होने पर ही फॉलो करना चाहिए. वरना ये डायबिटीज और इटिंग डिसऑर्डर को बढ़ावा दे सकती है. अगर खानपान को लेकर सावधानी न बरती जाए तो ब्लड शुगर लेवल कम ज्यादा हो सकता है. इससे मेटाबॉलिज्म भी स्लो हो जाता है. इसलिए हमेशा नियमित मात्रा में खाएं और अपनी सेहत की पूरी जानकारी डायटीशियन को दें.

 

2. एक्स्ट्रीम फास्टिंग न करें

कुछ लोग एक्स्ट्रीम फास्टिंग करते हैं, इससे उनकी बॉडी में पोषण की कमी होने लगती है. इसकी वजह से कई समस्याएं हो सकती हैं. लंबे समय तक उपवास इम्यून सिस्टम को भी कमजोर बना देता है. इससे शरीर आसानी से इंफेक्शन और बीमारियों की चपेट में आ जाता है. इसलिए हमेशा डायटीशियन की सलाह के आधार पर ही डाइट चुनें और फास्टिंग की समय-सीमा बनाएं.

 

3. पानी की न होने दें कमी

फास्टिंग में अगर पानी नहीं पीते हैं तो डिहाइड्रेशन हो सकती है. इंटरमिटेंट फास्टिंग  करने वालों को दिनभर भरपूर पानी पीना चाहिए. वरना शरीर में कमजोरी आ जाएगी, थकान लगेगी और मांसपेशियों में ऐंठन होगी. खाने में भी हाइड्रेटिंग फूड्स ही रखने चाहिए.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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