Ewings Sarcoma: बीते दिनों बंगाली एक्टर एंड्रिला शर्मा का निधन हो गया.जिसके बाद से एक इविंग सारकोमा नाम की बीमारी के बारे में खूब चर्चा हो रही है. दरअसल एक्ट्रेस को ब्रेन स्ट्रोक और कार्डियक अरेस्ट हुआ था लेकिन वो इविंग सारकोमा से भी पीड़ित रह चुकी थी. कहा जा रहा है कि इसी बीमारी ने एक्ट्रेस की जान ली तो आइए जानते हैं क्या है ये इविंग सारकोमा, जिसके वजह से एक्ट्रेस को अपनी जान गंवानी पड़ी.


क्या है ईविंग सारकोमा


इविंग सारकोमा हड्डी या नरम टिशू का एक दुर्लभ कैंसर युक्त ट्यूमर है. यह ज्यादातर युवा लोगों में ही होता है यह कैंसर का एक प्रकार है जो बच्चों और नौजवानों की हड्डियों को प्रभावित करता है और खासकर के फेफड़ों में मेटास्टैसिस बनाता है. कुल मिलाकर यह हर एक मिलियन अमेरिकियों में से एक को प्रभावित करता है लेकिन ज्यादातर यह बीमारी 10 से 19 साल के उम्र के नौजवानों में होती है.


कैसे नाम पड़ा इविंग सारकोमा


आपको बता दें कि ये सारकोमा का नाम अमेरिकी डॉक्टर जेम्स इविंग के नाम पर रखा गया है,  जिन्होंने पहली बार 1921 में इस ट्यूमर के बारे में बताया था. हालांकि ये स्पष्ट नहीं है कि इविंग का क्या कारण है, इसलिए रोकथाम के लिए अब तक कोई सटीक तरीका नहीं है. डॉक्टर के मुताबिक इविंग सारकोमा गोरे लोगों में होने की अधिक संभावना है हालांकि पिछले कुछ सालों में भारत में इस बीमारी के मामले पाए गए हैं. हॉस्पिटल और लैबोरेट्री के रिपोर्ट के मुताबिक भारत में रजिस्टर्ड हड्डी की बीमारी के सभी लोगों में 15.5 परसेंट के इवनिंग सारकोमा का ही पिया पाया गया है.


डॉक्टर ने यह भी बताया कि जब यह कैंसर शरीर के अन्य क्षेत्रों में नहीं फैलता है तो इसे लोकलाइज्ड इविंग सार्कोमा कहते हैं. लेकिन जब यह बॉडी के दूसरे हिस्सों में भी फैलने लगता है तो इससे मेटास्टैटिक इविंग सारकोमा कहते हैं.


इविंग सारकोमा के लक्षण


इविंग सारकोमा का सबसे आम लक्षण ट्यूमर के क्षेत्र में दर्द या सूजन है. कुछ लोग अपनी त्वचा की सतह पर एक गांठ महसूस करते हैं इसके अलावा भूख में कमी बुखार वजन घटना, थकान है. ट्यूमर आमतौर पर हाथ पैर या छाती में बनता है. डॉक्टर्स के मुताबिक इवनिंग सार्कोमा का सबसे आम शुरुआती लक्षण ट्यूमर में दर्द या सूजन है. यह एक गांठ के रूप में विकसित हो सकता है और इसका इलाज भी किया जा सकता है, लेकिन इसका ट्रीटमेंट काफी कठिन है.जिन लोगों को इविंग सारकोमा का खतरा है उन्हें दूसरी तरह के कैंसर के विकास का भी खतरा अधिक होता है. डॉक्टर ने बताया कि स्टडी में यह भी पता चला है कि यह लड़कियों की तुलना में लड़कों में अधिक आम होता है. जीवन शैली से संबंधित कोई भी कारण नहीं पता चल सका है जिससे कैंसर से बचाव किया जाए.


यह भी पढ़ें:अमेजन डील में 50% से ज्यादा के डिस्काउंट पर खरीदें ये मसाजर, सर्दी में ​पेरेंट्स के लिये है बेस्ट गिफ्ट