बैक्टीरिया के लिए टॉयलेट किसी जन्नत से कम नहीं होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें टॉयलेट में फलने-फूलने का पूरा मौका मिलता है. आमतौर पर टॉयलेट में पाए जाने वाले बैक्टीरिया इन्फ्लूएंजा, हेपेटाइटिस, ई.कोली, स्टेफिलोकोकस, स्ट्रेप्टोकोकस, शिगेला, साल्मोनेला और नोरोवायरस होते हैं. आइए जानते हैं कि आप अपनी टॉयलेट सीट से किन पांच इन्फेक्शन्स के शिकार हो सकते हैं. 


यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI): लोगों को अगर कहीं से सबसे ज्यादा UTI होने का खतरा होता है, तो वह है उनकी टॉयलेट सीट. गंदी टॉयलेट सीट पर मौजूद बैक्टीरिया आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. यूटीआई में कीटाणु मूत्राशय, मूत्रमार्ग और कभी-कभी किडनी को भी संक्रमित कर देते हैं. इनसे बचने के लिए टॉयलेट सीट को साफ करना जरूरी होता है. 


बैक्टीरियल वेजिनोसिस: एक ऐसा इंफेक्शन है, जिसमें वेजाइना में बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ जाती है. इसकी वजह से वेजाइना संक्रमित होने का खतरा होता है. महिलाओं को बैक्टीरियल वेजिनोसिस की वजह से वेजाइना में खुजली और जलन का सामना करना पड़ता है. 


प्रोस्टेटाइटिस: गंदी टॉयलेट सीट की वजह से पुरुषों को प्रोस्टेटाइटिस से जूझना पड़ सकता है. बैक्टीरिया की वजह से हुए इंफेक्शन के चलते पुरुषों का प्रोस्टेट सूज जाता है. इस वजह से उन्हें दर्द का सामना करना पड़ता है. इंफेक्शन से जननांगों, कमर जैसी जगहों में दर्द होता है और उन्हें फ्लू जैसे लक्षण भी होते हैं. 


एसटीडी: अगर टॉयलेट सीट गंदी है, तो ये आपको एसटीडी जैसी बीमारी भी दे सकती है. ऐसा नहीं है कि ये बीमारी सिर्फ आपको सार्वजनिक टॉयलेट से ही हो सकती है, बल्कि घर के टॉयलेट भी एसटीडी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. हालांकि, इस तरह एसटीडी फैलने का खतरा बहुत कम होता है. आमतौर पर ये त्वचा से त्वचा के संपर्क के जरिए फैलता है. 


कैंडिडिआसिस: वेजाइना में यीस्ट के बढ़ने की वजह से महिलाओं में कैंडिडिआसिस हो सकता है. अगर कोई महिला गंदे टॉयलेट का इस्तेमाल कर रही है, तो उसके ऊपर इस इंफेक्शन का ज्यादा खतरा होता है. 


कुल मिलाकर अगर आपको इन बीमारियों या इंफेक्शन से बचना है, तो सबसे बेहतर ये होगा कि आप अपने टॉयलेट को साफ-सुथरा रखें. कोशिश करें कि टॉयलेट सीट को हर रोज साफ किया जाए. इसके लिए आप बाजार में मौजूद क्लिनर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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