आमतौर पर जोड़ों का दर्द जैसी समस्याएं केवल बुजुर्गों में देखने को मिलती है. हालांकि, यह दर्द छोटे बच्चों में भी हो सकता है. बच्चों में जोड़ों के दर्द के शुरुआती संकेत अक्सर ग्रोनिंग पेन या खेलकूद के दौरान हल्की चोट के साथ शुरू होते हैं. ऐसे में माता-पिता को यह समझना मुश्किल हो जाता है कि क्या दर्द सामान्य है या किसी गंभीर बीमारी का संकेत. चलिए तो आज हम आपको बताते हैं कि बच्चों में जोड़ों के दर्द कैसे हो सकते हैं और समय रहते कौन से लक्षणों से इसकी पहचान की जा सकती है.

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बच्चों में जोड़ों के दर्द को लेकर एक्सपर्ट्स देते हैं चेतावनी

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अक्सर माता-पिता बच्चों के हल्के दर्द को नजरअंदाज कर देते हैं. वहीं एक्सपर्ट चेतावनी भी देते हैं कि हर दर्द को ग्रोनिंग पेन मान लेना सही नहीं है. कुछ लक्षण persistent होने पर यह जुवेनाइल इडियोपैथिक आर्थराइटिस या अन्य गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार 3 से 12 साल के बच्चों में हल्का मांसपेशियों का दर्द या थकान के कारण जोड़ों में हल्की तकलीफ आम होती है. लेकिन अगर दर्द लंबे समय तक रहता है, सुबह की अकड़न के साथ जुड़ा हो, किसी अंग सामान्य उपयोग को प्रभावित करें या जोड़ों में सूजन और गर्मी हो तो यह समस्या गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है.

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समय रहते पहचानें लक्षण

  • लगातार दर्द या सूजन- बच्चों में लगातार एक हफ्ते से ज्यादा समय तक चलने वाला दर्द सूजन जोड़ों का संकेत हो सकता है, इसमें से हल्के में न लें.
  • सुबह की अकड़न- अगर बच्चों को सुबह उठने या लंबे समय तक बैठने के बाद जोड़ में जकड़न महसूस होती है तो इसे भी हल्के में न लें.
  • लंगड़ापन या किसी अंग का कम इस्तेमाल- अगर आपके बच्चे को चलने में दिक्कत या जोड़ों का सीमित मूवमेंट हो तो इसे भी हल्के में नहीं लेना चाह‍िए.
  • रात में बढ़ता हड्डियों का दर्द- अगर आपके बच्चे का रात में हड्डियों का दर्द इतना बढ़ जाए कि वह नींद से ही जाग जाए तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
  • बिना चोट के हड्डियां टूटना- अगर आपके बच्चों में बिना चोट के हड्डी टूटने जैसे समस्याएं होती है तो यह हड्डियों में कमजोरी या मेटाबॉलिक समस्या का संकेत भी हो सकता है.

कैसे रखें बच्चों की हड्डियों और जोड़ों को मजबूत

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि बच्चों में हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाए रखने के लिए पोषण और सही लाइफस्टाइल बहुत जरूरी होता है. ऐसे में माता-पिता को बच्चों में पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी सही मात्रा में देना चाहिए. वहीं खेलकूद, स्ट्रेचिंग और वजन कंट्रोल रखना भी बच्चों के लिए जरूरी होता है, क्योंकि ज्यादा वजन हड्डियों और जोड़ों पर दबाव डाल सकता है. इसके अलावा बच्चों के लिए दौड़ना, कूदना और आउटडोर गेम्स खेलना जरूरी होता है, इससे बच्चों की हड्डियों और जोड़ों को मजबूती मिलती है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.