Ayurvedic Tips To Eat Radish: मूली का सेवन सलाद, सब्जी और पराठा बनाने में सबसे अधिक किया जाता है. इसके अलावा मूली का अचार खाना भी लोग पसंद करते हैं. मूली के पराठे पसंद तो सभी को आते हैं लेकिन नाश्ते में यदि इनका सेवन कर लिया जाए तो यकीन मानिए पूरा दिन काफी संभलकर बिताना पड़ता है ताकि शर्मिंदगी की स्थिति ना बने. आशा करते हैं कि हमारा इशारा आप समझ रहे होंगे...


खैर, ये बात ज्यादातर लोग जानते हैं कि मूली खाने के बाद पेट में बहुत अधिक गैस बनती है. इस कारण अनकंट्रोलेबल फार्ट और गैस पास होना कई बार काफी असहज कर देने वाला होता है. यही कारण है कि ऑफिस जाने से पहले ज्यादातर लोग मूली के पराठे या सब्जी इत्यादि खाने से बचते हैं. यह एक बड़ा कारण है कि पराठा लवर लोग मूली के पराठे को संडे मेन्यू के लिए रिजर्व कर देते हैं!


मूली खाने का सही समय 



  • कच्ची मूली या इससे बना कोई भी फूड आइटम आपको दोपहर के समय खाना चाहिए या फिर तब खाना चाहिए जब इसे खाने के बाद आपको लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठकर काम ना करना हो, जैसा कि आमतौर पर हम सभी ऑफिस में एक सीट पर बैठकर काम करते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे आपको पेट फूलना, पेट में दर्द होना या शरीर के किसी अन्य हिस्से में दर्द की समस्या हो सकती है.

  • जब मूली खाने के बाद आप ऐसा कोई काम करते हैं, जिसमें फिजकली ऐक्टिव रहते हैं या हल्की-फुल्की वॉक होती रहती है तो पेट में गैस जमा नहीं होती और पाचन के साथ ही पेट भी डिस्टर्ब नहीं होता है. लेकिन जब आप बैठे रहते हैं तो पेट फूलना या पेट दर्द की आशंका बहुत अधिक बढ़ जाती है. 

  • सुबह के समय खाली पेट या फिर देर रात को मूली का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा करना शरीर को लाभ की जगह हानि पहुंचाता है. क्योंकि मूली तासीर में ठंडी होती है और गैस शरीर में वायु बढ़ाने वाली होती है. ऐसे में खाली पेट खाने पर पेट दर्द की आशंका रहती है और देर रात को मूली खाने पर दर्द और गैस के साथ कोल्ड होने का डर भी बना रहता है.


मूली खाने का सही तरीका क्या है?



  • मूली किस विधि से खानी चाहिए, यह जानना इसलिए बेहद जरूरी है ताकि आप इसके सभी प्राकृतिक गुणों का लाभ ले सकें. आयुर्वेद के अनुसार, मूली को कभी भी रात के भोजन में नहीं खाना चाहिए. इसका कारण तो आप समझ ही गए हैं कि रात में मूली क्यों नहीं खानी चाहिए.

  • साथ ही यह भी जान लें कि कच्ची मूली का सेवन भोजन के साथ भी नहीं करना चाहिए. यानी सलाद के रूप में जो आप कच्ची मूली भोजन के साथ खाते हैं, ऐसा करने की आयुर्वेद में मनाही है. क्योंकि आयुर्वेद में कच्चा और पका हुआ भोजन एक साथ करने को वर्जित माना गया है. यानी ऐसा करने से पाचनतंत्र पर बुरा असर पड़ता है.

  • इसलिए जब भी आपका कच्ची मूली या मूली से तैयार सलाद खाने का मन हो तो इसे दो फूड के बीच के ब्रेक में खाएं. जैसे दिन में 12 बजे के आस-पास या फिर दोपहर में 3 से 4 बजे के बीच. इन समय पर मौसम भी गर्म होता है और मूली के सेवन से लंच या डिनर तक भूख भी खुलकर लगने लगती है.


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. 


 


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