Hypersomnia Symptoms: नींद हम सभी को प्यारी है और हम ज्यादातर समय नींद के फायदों के बारे में सोचकर कुछ देर एक्स्ट्रा सोना भी पसंद करते हैं. ऐसा करना कभी-कभार अच्छा होता है. क्योंकि खुद को खुश रखने की जिम्मेदारी खुद हमारी ही है. लेकिन जब एक्स्ट्रा घंटे सोना आपकी आदत और जरूरत बन जाए तो समस्या हो सकती है. क्योंकि नींद कम लेना सेहत के लिए जितना हानिकारक होता है, अधिक सोना भी शरीर पर उतना ही बुरा असर डालता है.


यूं तो किसी वयस्क व्यक्ति के लिए जिनकी उम्र  18 से 58 साल मानी जाती है, इन्हें 7 से 8 घंटे सोना जरूरी माना जाता है. लेकिन इससे कम उम्र के बच्चों और अधिक उम्र के प्रौढ़ों के लिए नींद के घंटे 9 से 11 तक हो सकते हैं. लेकिन जब कोई युवा व्यक्ति हर दिन 9 से 11 घंटे सोने लगे तो यह चिंता की बात हो जाती है. क्योंकि इसका अर्थ यह होता है कि आपकी सेहत के साथ कुछ समस्याएं हैं. हो सकता है कि आपके शरीर में न्यूट्रिशन की कमी से कमजोरी आ रही हो या फिर यह भी हो सकता है कि आपको हाइपरसोमनिया की समस्या हो गई है. हाइपरसोमनिया (Hypersomnia) यानी ऐसी स्थिति जिसमें व्यक्ति को हर समय नींद आती रहती है.


क्या होता है हाइपरसोमनिया?



  • हाइपरसोमनिया एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें व्यक्ति चाहकर भी जागे हुए नहीं रह पाता. उसे हर समय नींद आती रहती है और इतनी नींद आती है कि उसे हर समय से एक नशा-सा फील होता है. 

  • हाइपरसोमनिया में व्यक्ति 24 में से 10 घंटे सोकर भी स्लीपी फील करता रहता है. यानी उसे 10 घंटे सोने के बाद भी यह लगता है कि नींद पूरी नहीं हुई है.  इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति दिन में 24 में से 16 घंटे भी सो सकता है. यह स्थिति कुछ दिन से लेकर कुछ महीने तक भी बनी रह सकती है. इसलिए जैसे ही आपको क्लियर हो कि आपको अधिक नींद आ रही है आपको तुरंत जांच के लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए.


कैसे किया जाता है हाइपरसोमनिया का इलाज?


हाइपरसोमनिया का इलाज करने के लिए आमतौर पर जिन दवाओं का उपयोग किया जाता है, वे बीमारी की जड़ पर काम करने की जगह, आमतौर पर अन्य समस्याओं का कारण बन जाती हैं क्योंकि ये दवाएं बहुत अधिक उत्तेजक यानी Stimulants मानी जाती है. इन दवाओं को यदि रोग पूरी तरह ठीक करने के लिए उपयोग किया जाए तो ये नार्कोलेप्सी का कारण बन जाती हैं. ये एक तरह का नींद संबंधी रोग होता है, जिसमें व्यक्ति का ब्रेन नींद के साइकल पर नियंत्रण खो देता है.


अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर इस समस्या का इलाज कैसा किया जाए तो इसका उत्तर यह है कि आप अच्छे डॉक्टर के साथ ही सही लाइफस्टाइल की शरण में जाएं. जैसे...



  • निजी स्वच्छता का ध्यान रखें.

  • बिस्तर को क्लीन और कमरे का माहौल नींद के लिए फेवरेवल बनाए रखें.

  • चाय और कॉफी का सेवन कम करें, इनसे नींद प्रभावित होती है.

  • अल्कोहल से दूरी रखना जरूरी होता है

  • आयुर्वेदिक दवाएं प्राकृतिक रूप से आपकी समस्या को दूर करने का काम करती हैं और इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. 


 


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