High Blood Pressure Treatment: खराब लाइफ स्टाइल कई रोगों को जन्म देती है. हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा ऐसी ही बीमारियां हैं. जीवन शैली सुधारकर इन बीमारियों के होने वाली संभावनाओं से बचा जा सकता है. हाई ब्लड प्रेशर यानि हाइपर टेंशन भी ऐसी ही बीमारी है. इस बीमारी का एक स्टडी में कोविड से भी कनेक्शन सामने आया है. कोविड के साथ हाई ब्लड प्रेशर गंभीर हो गया. दरअसल, इस बीमारी में ब्लड वेसेल्स की दीवारों पर रक्त का दबाव बहुत अधिक होता है. ऐसे पर हार्ट पर अतिरिक्त काम करने का प्रेशर बढ़ जाता है. नार्मल ब्लडप्रेशर 120/80 मिमी एचजी या उससे कम होता है. इससे अधिक ब्लड प्रेशर बना हुआ है तो इसे ही हाई ब्लड प्रेशर माना जाता है. कोविड के कारण भी ब्लड प्रेशर बढ़ने की शिकायत देखने को मिली है.


गंभीर कोविड में तेजी से बढ़ा ब्लड प्रेशर 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर को लेकर PLOS ONE जर्नल में एक स्टडी पब्लिश हुई. इसमें सामने आया कि हाई ब्लड प्रेशर COVID-19 बीमारी के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है. शोधकर्ताओं ने कोविड पॉजीटिव 16,134 लोगों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड का विश्लेषण किया. उन्होंने पाया कि कुल कोविड-19 मामलों की तुलना में हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति COVID-19 के सीरियस केस में लगभग दोगुनी थी. गंभीर मामलों में, 48 प्रतिशत व्यक्तियों में हाई ब्लड प्रेशर था. दूसरी ओर, कोविड 19 वाले सभी लोगों में से 25 प्रतिशत लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी देखने को मिली. 


150 से अधिक होने पर बढ़ा खतरा
ब्लड प्रेशर की जांच सिस्टोलिक और डायस्टोलिक तरीके से की जाती है. सिस्टोलिक में उपर का ब्लड प्रेशर और डायस्टोलिक में नीचे का ब्लड प्रेशर देखा जाता है. जांच में सामने आया कि जिन मरीजों में सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 150 मिमी एचजी से अधिक रहा. उनमें गंभीर कोविड का खतरा देखा गया. जिन मरीजों में 120 से 129 सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर रहा. उनमें खतरा कम रहा. गंभीर कोविड की स्थिति 40 प्रतिशत से अधिक रोगियों में देखी गई. 


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हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कर सकते हैं कम
हेल्दी रहने के लिए ब्लड प्रेशर का नियंत्रित रहना जरूरी है. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसे खतरे को कम किया जा सकता है. डॉ. हितेश कौशिक ने बताया कि जीवनशैली में बदलाव जैसे अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए वजन घटाने, स्वस्थ आहार खाने, रेग्यूलर एक्सरसाइज और योगा से बीपी को नियंत्रित किया जा सकता है. यदि परेशानी अधिक हो रही है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.