High Blood Pressure Risks: बीपी हाई रहना आज के समय में एक आम समस्या है. ज्यादातर लोगों में 35 से 40 साल की उम्र के बीच यह समस्या जोर पकड़ती है. हालांकि काम के बढ़ते दबाव और अन्य सोशल प्रेशर के चलते अब कम उम्र के युवा भी इस बीमारी की चपेट में आने लगे हैं. हाई बीपी हार्ट की सेहत के लिए तो नुकसानदायक होता ही है लेकिन अगर इसे समय पर नियंत्रित ना किया जाए तो यह शरीर में अन्य बीमारियों की वजह भी बन सकता है. इस आर्टिकल में आपको हाई बीपी के रिस्क फैक्टर्स के बारे में बताया जा रहा है... 


इतना बीपी है सही 
आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति का बीपी 120/60 होता है. लेकिन आज के समय में तनाव अधिक रहने लगा है इसलिए डॉक्टर्स 130/70 के बीपी को भी अब नॉर्मल की कैटिगरी में रखे लगे हैं. इसमें बीपी को सिस्टोलिक कहा जाता है और नीचे वाले बीपी को डिस्स्टोलिक. अब आपके मन में सवाल आ सकता है कि ब्लड प्रेशर कैसे तय होता है. तो आपका हार्ट जब ब्लड को एक फोर्स के साथ पंप करता है तब यह ब्लड धमनियों में जाता है और फिर एक निश्चित फोर्स के साथ रक्त वाहिकाओं में जाता है यानी ब्लड वेसल्स में. बस इसी पर आपका ब्लड प्रेशर निर्धारित होता है. जब बीपी सिस्टोलिक 140 से ऊपर रहने लगे तब इसे खतरनाक माना जाता है.


हाई बीपी से होने वाले रोग 



  • जिन लोगों का बीपी हाई बना रहता है, उन्हें हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. ऐसा इसिलए होता है क्योंकि बीपी हाई होने से आर्ट्ररीज सिकुड़ जाती हैं और हार्ट को ब्लड पंप करने के लिए अधिक प्रेशर लगाना पड़ता है.

  • ब्लड प्रेशर अधिक रहने से किडनी तक पहुंचने वाला ब्लड फिल्टर नहीं हो पाता है, इस कारण किडनी में वेस्ट जमा होने लगता है और यह किडनी के फेल होने की वजह बनता है. ब्लड प्यूरिफिकेशन में दिक्कत इसलिए आने लगती है क्योंकि हाई बीपी के कारण किडनी तक पहुंचने वाली धमनियां और वेसल्स क्षतिग्रस्त हो जाती हैं.

  • जिन लोगों का बीपी हाई रहता है उन्हें ब्रेन हेमरेज का खतरा अन्य लोगों की तुलना में 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. 

  • बीपी हाई रहने से ब्रेन को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है, इस कारण ब्रेन स्ट्रोक की समस्या हो सकती है. 

  • बीपी हाई रहना याददाश्त को भी प्रभावित करता है. जिन लोगों में लंबे समय तक हाई बीपी की समस्या रहती है, उनके डिमेंशिया यानी भूलने की बीमारी की चपेट में आने की आशंका कई गुना तक बढ़ जाती है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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