What Is Hemophilia: शरीर पर जब भी खरोंच या चोट लगती है या किसी तरह का घाव लगता है तो उसमें से खून निकलने लग जाता है. वैसे तो ब्लीडिंग आमतौर पर कुछ देर के बाद बंद हो जाती है और ब्लीडिंग वाली जगह पर खून का थक्का जम जाता है. हालांकि कुछ लोगों में यह देखा जाता है कि उनकी ब्लीडिंग जल्दी बंद नहीं होती. इस स्थिति को हीमोफीलिया के नाम से जाना जाता है. हीमोफीलिया एक ब्‍लीडिंग डिसऑर्डर है. ये एक जेनेटिक बीमारी है. हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्ति में घाव या चोट वाली जगह पर जल्दी खून का थक्का नहीं बन पाता यानी ऐसे लोगों को चोट लगने पर ज्यादा देर तक ब्लीडिंग होती रहती है. 


हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि हीमोफीलिया होने के पीछे आनुवांशिक कारण हैं. अगर माता-पिता में से किसी में भी यह बीमारी है तो ये अगली पीढ़ी में भी जा सकती है. इस बीमारी के लक्षण कुछ लोगों में हल्के तो कुछ लोगों में गंभीर रूप से दिखाई देते हैं. आइए जानते हैं कि हीमोफीलिया बीमारी का पता आप कैसे लगा सकते हैं.


हीमोफीलिया के लक्षण


1. नाक से लगातार खून बहते रहना
2. मसूड़ों से ब्लीडिंग होना
3. त्वचा का आसानी से छिल जाना
4. शरीर के अंदर ब्लीडिंग के कारण ज्वाइंट पेन होना
5. चोट लगने पर गंभीर घाव बनना
6. पॉटी या यूरिन में ब्लड आना
7. बच्चे को जन्म देने का बाद ज्यादा ब्लीडिंग होना
8. इंजेक्शन लगवाने के बाद ब्लीडिंग होते रहना


हीमोफीलिया एक सीरियस प्रॉब्लम क्यों?


हीमोफीलिया को खतरनाक बीमारी इसलिए भी माना जाता है, क्योंकि दुर्घटनाओं और किसी हादसे के दौरान हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्ति की जान मुश्किल में पड़ जाती है. क्योंकि ब्लीडिंग रुकती नहीं. अगर ऐसे में व्यक्ति के शरीर से खून निकलता ही चला जाएगा तो इससे मौत का खतरा भी पैदा हो सकता है. बता दें कि इस बीमारी के पीछे की वजह एक ब्लड प्रोटीन होता है, जिसे क्लॉटिंग फैक्टर के नाम से जाना जाता है. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


ये भी पढ़ें: क्या है इरिटेबल मेल सिंड्रोम? जिसकी वजह से लड़कों को भी होती है 'मूड स्विंग्स' की प्रॉब्लम