What Is Cherophobia: आजकल दुनिया में कई तरह की बीमारियां होती है, कुछ फिजिकल होती हैं और कुछ मेंटल होती है, जिससे लोग ग्रसित होते हैं. फिजिकल बीमारी को तो देखकर पहचाना जा सकता है, लेकिन जो मेंटल बीमारी होती है और जो हमें इंटरनली इफेक्ट करती है वह न सिर्फ घातक होती है बल्कि उन्हें पहचानना भी बहुत मुश्किल होता है. कुछ इसी तरह से इन दिनों चेरोफोबिया नाम की बीमारी लोगों को अपना शिकार बना रही है. दरअसल, यह एक तरह की इंटरनल बीमारी है, जो इंसान के दिमाग में चलती रहती है. तो चलिए आज आपको बताते हैं चेरोफोबिया के बारे में और इसके लक्षण क्या है.

 

क्या होता है चेरोफोबिया 

चेरोफोबिया एक तरह का भय विकार यानी कि फियर डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति खुशी और पॉजिटिव चीजों से डरता है. यह एक रेयर डिजीज होती है, जिसके बारे में वैज्ञानिक अभी पता लग रहे हैं. दरअसल, चेरोफोबिया से पीड़ित व्यक्ति खुशी, उत्साह या प्रेम जैसी पॉजिटिव चीजों का अनुभव करने से भी डरते हैं और शादी, पार्टी या फ्रेंड्स के साथ घूमने फिरने से भी परहेज करते हैं. व्यक्ति जब खुशी से जुड़ी चीजों के संपर्क में आते हैं, तो उन्हें घबराहट हो सकती है, पसीना आ सकता है, दिल की धड़कनें बढ़ जाती है, सांस लेने में तकलीफ होती है और चक्कर आने लगते हैं, यह चेरोफोबिया के सामान्य से लक्षण हो सकते हैं.

 

क्यों होता है चेरोफोबिया 

चेरोफोबिया के सटीक कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो इसका संबंध अतीत से हो सकता है. कई बार अतीत में कुछ नकारात्मक अनुभव करने से या अचानक से बहुत बड़ा दुख आने से लोग खुशी से डरने लगते हैं और चेरोफोबिया की स्थिति को पैदा कर सकते हैं. यह डिप्रेशन, चिंता या सोशल डर के कारण भी हो सकता है.

 

चेरोफोबिया का इलाज कैसे किया जाए 

अब बात आती है कि चेरोफोबिया का इलाज किया कैसे जा सकता है? तो इसके लिए CBT यानी कि (cognitive Behavioural Therapy) की जाती है, जो व्यक्ति को नकारात्मक विचारों से दूर करने और अपने व्यवहार को बदलने में मदद करती हैं. इसमें कुछ एंटी डिप्रेसेंट या मूड रिलैक्सिंग दवाई भी दी जाती है, लेकिन यह केवल डॉक्टर के सलाह पर ही किया जा सकता है. अगर आपको लगता है कि आप या आपका कोई परिचित चेरोफोबिया से ग्रस्त है और खुशी से डरता है, तो उसे किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर की मदद लेनी चाहिए.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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