Cardiophobia: क्या आपको भी अक्सर ही हार्ट अटैक आने का डर लगा रहता है. कभी-कभार इस तरह का डर सामान्य है, लेकिन अगर हमेशा ही डर सताता रहे तो कार्ड‍ियोफोब‍िया (Cardiophobia) हो सकता है. इसमें दिल का दौरा पड़ने का डर हमेशा लगा रहता है. इस वजह से मन किसी काम में नहीं लगता है. इस फोबिया में पीड़ित के दिल की धड़कन अनियमित होने पर वह काफी डर जाता है और सीने या बाहों में होने वाले नॉर्मल दर्द को भी हार्ट अटैक का संकेत मान बैठता है. डॉक्टरों का कहना है कि कार्ड‍ियोफोब‍िया की एक नहीं कई वजह हो सकती है. जैसे- किसी परिचित की हार्ट अटैक से मौत, बचपन में किसी एक्सीडेंट की वजह से हार्ट अटैक को लेकर डर बन जाना है.

 

कार्ड‍ियोफोब‍िया में किन लक्षणों से लगता है डर

सीने में दर्द या भारीपन

उल्टे हाथ की ओर दर्द

जबड़े में दर्द होना

पेट के ऊपरी हिस्से के बीच या उल्टे हाथ की ओर दर्द होना

पसीना आना, बेचैनी और घबराहट

एंग्जाइटी

दिल की धड़कन तेज होना

सिर चकराना

हाई ब्लड प्रेशर

बेहोशी

कंपकंपी छूटना

 

कार्ड‍ियोफोब‍िया का इलाज क्या है

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर आपको कार्ड‍ियोफोब‍िया का कोई भी लक्षण नजर आता है तो सबसे पहले डॉक्टर से मिलकर अपने दिल की जांच करवानी चाहिए क्योंकि इनमें से कुछ लक्षण हार्ट अटैक के भी हो सकते हैं. अगर सभी टेस्ट के बावजूद भी आपको दिल की बीमारी का डर बना हुआ है तो डॉक्टर से इस बारें में बात करें. कार्डियोफोबिया का इलाज अच्छे साइकोलॉज‍िस्‍ट की सलाह पर शुरू कर सकते हैं. उनकी थेरेपी या काउंसिलिंग आपको इस समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करेगा. इसके अलावा दिल की सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए साल में कम से कम दो बार हार्ट की जांच करवाएं. ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन से भी इस समस्या से बाहर आ सकते हैं. इससे मन शांत रहता है और एंग्जाइटी कम होती है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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