Diabetes and Hypertension : डायबिटीज की वजह से कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती है. जिसमें एक हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी है. डायबिटीज के करीब 50-70 प्रतिशत मरीज हाइपरटेंशन (hypertension) यानी हाई ब्लड प्रेशर  की समस्या से परेशान हैं. जो गंभीर स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकती है. इसकी वजह से किडनी से जुड़ी बीमारियां (Kidney Disease), कार्डियोवैस्कुलर डिजिज (Cardiovascular Disease) और नर्व डैमेज (Nerve Damage) जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

 

डायबिटीज में बीपी क्यों बढ़ जाता है

डॉक्टर के मुताबिक, डायबिटीज के मरीजों में हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ने की कई वजह हो सकती है. चूंकि हाई बीपी और डायबिटीज दोनों ही लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां है. इसलिए एक्सरसाइज न करने, मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल, स्मोकिंग, शराब का सेवन और कुछ अनुवांशिक कारण की वजह से डायबिटीज और हाइपरटेंशन का खतरा साथ-साथ चल सकता है.

 

डायबिटीज में हाइपरटेंशन बढ़ने से खतरा

 

इंसुलिन रेजिस्टेंस 

कुछ बायोकेमिकल कंडीशन में डायबिटीज होने पर हाइपरटेंशन का रिस्क बढ़ जाता है. ऐसे में इंसुलिन रेजिस्टेंस हो सकता है, जो टाइप 2 डायबिटीज में देखने को मिलता है. इंसुलिन रेजिस्टेंस से शरीर इंसुलिन हार्मोन्स के प्रति सही तरह से प्रतिक्रिया नहीं करता और ब्लड में ग्लूकोज लेवल बढ़ जाता है. शरीर में ज्यादा नमक का जमना और हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल में भी इंसुलिन रेजिस्टेंस हो सकता है. इससे नसें हार्ड हो जाती हैं और बीपी बढ़ जाती है.

 

दिल से जुड़ी नसों पर असर

डायबिटीज में हाइपरटेंशन की वजह से अंदरूनी नुकसान भी हो सकता है. ब्लड में ग्लूकोज लेवल बढ़ने से ब्लड वेसल्स, नसों और किडनियों को नुकसान पहुंचने लगता है. इसकी वजह से नसों में सूजन आने लगती है और वे संकरी होने लगती हैं. जिससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है. जो हाई बीपी के साथ हार्ट डिजीज के खतरे के भी बढ़ा सकता है. डायबिटीज में सिम्पथेटिक नर्वस सिस्टम भी भी उत्तेजित हो सकता है. इससे बॉडी में हार्मोन्स के लेवल में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, जो हाइपरटेंशन का कारण बन सकती है.

 

हाइपरटेंशन से बचने क्या करना चाहिए


  • मोटापा कम करें, हेल्दी वेट मेंटेन रखें

  • नमक का सेवन कम करें

  • पोटैशियम से भरपूर आहार लें

  • हर दिन एक्सरसाइज करें

  • समय पर दवाई लेना चाहिए

  • सिगरेट और शराब से दूरी बनाएं

  • रोजाना 6-7 घंटे की पूरी नीद लें. दिन में भी आराम करें.

  • स्ट्रेस को बढ़ने न दें

  • नियमित तौर पर ब्लड शुगर और बीपी लेवल चेक करते रहें.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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