Covid-19 : दुनिया के कुछ देशों में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. कोविड 19 के नए वैरिएंट FLiRT के केस भी बढ़े हैं. इनमें अमेरिका, सिंगापुर और भारत जैसे देश शामिल हैं, जहां पिछले एक महीने में इंफेक्शन तेजी से बढ़ा है. कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर अध्ययन की जा रही है लेकिन अभी यह शुरुआती स्टेज में ही है.


प्रारंभिक तौर पर कहा गया है कि नए वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में कुछ ऐसे म्यूटेशन पाए गए हैं, जो शरीर में आसानी से पहुंच जाते हैं और इंफेक्शन बढ़ा सकते हैं. बता दें कि इस साल की शुरुआत में कोरोना के केस थम गए थे लेकिन अब अचानक से बढ़ने लगे हैं, जानिए इसका क्या कारण है...


तेजी से बढ़ रहे कोरोना केस
सिंगापुर के हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया कि 5 से 11 मई वाले हफ्ते में कोरोना संक्रमितों की संख्या 25,900 से ज्यादा पहुंच गई है. इससे पहले वाले हफ्ते में 13,700 केस थे. इसका मतलब 90% ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए हैं. इनमें से ज्यादातर मामलों के लिए फिलर्ट वैरिएंट (KP.2) की प्रमुख है. 


कोराना संक्रमण बढ़ने का पहला कारण 
न्यूयॉर्क के बफेलो यूनिवर्सिटी में संक्रामक रोगों के प्रमुख थॉमस ए.रूसो का कहना है कि कोविड 19 का अचानक से बढ़ने के एक नहीं कई कारण हो सकते हैं. इसमें सबसे प्रमुख है कि कि वायरस अपने अस्तित्व बनाए रखने के लिए म्यूटेट होते रहते हैं. जिसमें लगातार परिवर्तन भी हो रहा है. नया वैरिएंट फिलर्ट ओमिक्रॉन का ही अपडेटेड रूप है. म्यूटेशन की वजह से ही इसके स्पाइक प्रोटीन में कुछ बदलाव हो रहे हैं, जो इसके स्वरूप को लगातार बदल रहे हैं.


कोराना संक्रमण बढ़ने का दूसरा कारण 
कोविड-19 इंफेक्शन के बढ़ने का दूसरा कारण कमजोर होती इम्यूनिटी है. दुनियाभर में कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इसमें युवाओं की संख्या ज्यादा है.  जिसकी वजह से नए लहर के प्रति संवेदनशीलता बढ़ रही है. समय के साथ वैक्सीन का प्रभाव भी कम हो रहा है. जिससे संक्रमण के केस बढ़ रहे हैं. 


कोराना संक्रमण बढ़ने का तीसरा कारण 
महामारी विशेषज्ञ का कहना है कि फिर से कोरोना संक्रमण के बढ़ने का तीसरा कारण वैक्सीन कवरेज की उम्र है. सीडीसी के के अनुसार सितंबर 2023 के बाद से सिर्फ 22.6% वयस्कों ने कोविड-19 वैक्सीन लगवाई, जबकि 75 साल या उससे ज्यादा उम्र वालों ने वैक्सीनेशन में जागरूकता दिखाई है. जिसकी वजह से युवाओं में बुजुर्गों की तुलना में कोरोना के प्रति सुरक्षा प्रणाली कम है. यही कारण है कि हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोरोना के नए वैरिएंट्स की चपेट में सबसे ज्यादा युवा ही हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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