Ayurvedic Potli Therapy : आज की तेज भागती और बिजी जिंदगी में जब दर्द, थकान और तनाव रोज-रोज के साथी बन गए हैं. हर किसी के पास इनसे निटपने का वक्त नहीं है. जिसकी वजह से पुराने, प्राकृतिक इलाज फिर से लौट रहे हैं. इन्हीं में से एक आयुर्वेदिक पोटली थेरेपी भी है. छोटे से कपड़े में बंधी जड़ी-बूटियों की यह पोटली, गर्माहट और खुशबू के साथ न सिर्फ शरीर का दर्द मिटाती है, बल्कि मन को भी गहरी राहत देती है. इन दिनों सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा है. कई वेलनेस ब्रांड भी अपने खुद के आर्टिसन पोटली बैग्स मार्केट में उतार दिए हैं. ऐसे में आइए जानते हैं इस खास थेरेपी के बारें में...

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पोटली थेरेपी कैसे काम करती है

पोटली थेरेपी एक पुरानी आयुर्वेदिक तकनीक है, जिसमें गर्मी, दबाव और औषधीय जड़ी-बूटियों का कमाल दिखता है. जब मालिश किया जाता है और जड़ी-बूटियों की महक हमारे शरीर में जाती है, तो यह नर्वस सिस्टम को शांत करती है. इससे तनाव कम होता है और मन को सुकून मिलता है.

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पारंपरिक पोटली में क्या-क्या होता है

क्रिस्टल नमक

अजवाइन

हल्दी

नीम

अश्वगंधा

अदरक

नीलगिरी 

पहाड़ी इलाकों में सांस से जुड़ी दिक्कतों से बचने के लिए कपूर

पोटली थेरेपी का इतिहास क्या है

पोटली थेरेपी (Potli Therapy) का इतिहास करीब 3000 ईसा पूर्व से 1500 ईसा पूर्व के बीच का है. तब लोग औषधीय जड़ी-बूटियों या अनाज से भरी थैलियों को गर्म कर शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर लगाते थे ताकि ब्लड सर्कुलेशन बढ़े, सूजन कम हो और हीलिंग तेजी से हो. राजाओं का इलाज शाही वैद्य पोटली से करते थे और आज भी हमारी दादी-नानी घर में घरेलू पोटलियां बनाती हैं.

पोटली थेरेपी से किन बीमारियों में आराम

ऑस्टियोआर्थराइटिस

फ्रोजन शोल्डर

मांसपेशियों के तनाव

किन बातों का रखें ध्यान

पोटली थेरेपी मुख्य इलाज का विकल्प नहीं है, बस सपोर्टिव इलाज की तरह इस्तेमाल करें.

जिन लोगों को ब्लड सर्कुलेशन की दिक्कत, डायबिटीज न्यूरोपैथी या खुला घाव हो, उन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के पोटली थेरेपी नहीं लेनी चाहिए.

सेंसेटिव स्किन वाले लोग या जलन या एलर्जी से भी परेशान हैं तो अलर्ट रहें.

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घर पर कैसे बनाएं पोटली

1. बालों की ग्रोथ के लिए

1-1 चम्मच काले जीरे (कलौंजी) और मेथी, 10-11 लौंग को हल्का भूनकर कपड़े में बांधें.

5-10 मिनट तक स्कैल्प पर गर्म पोटली से मालिश करें.

इससे बालों की ग्रोथ बढ़ेगी और डैंड्रफ कम होगा.

2. एसिडिटी से राहत वाली पोटली

अजवाइन, सौंफ, जीरा (2-2 चम्मच) और सोंठ (1 चम्मच) को भूनें.

कपड़े में बांधकर पेट पर धीरे-धीरे घुमाएं.

गैस, सूजन और अपच से राहत मिलेगी.

3. माइग्रेन से राहत वाली पोटली

अजवाइन (2 बड़े चम्मच), लौंग (4-5), सूखा अदरक पाउडर (1 चम्मच), सेंधा नमक (2 बड़े चम्मच) मिलाएं.

गर्म पोटली बनाकर माथे और कनपटी पर मालिश करें.

4. साइनस की जकड़न से राहत वाली पोटली

अजवाइन, कपूर, सूखा अदरक और नीलगिरी के पत्ते/तेल को गर्म कर कपड़े में बांधें.

भाप लें, साइनस से तुरंत आराम मिलेगा.

5. PCOS और पीरियड दर्द से राहत वाली पोटली

सूखी अदरक, अलसी, अश्वगंधा, मेथी और अजवाइन को गर्म कर कपड़े में बांधें.

पेट के निचले हिस्से पर 10-15 मिनट हल्के हाथ से दबाएं.

6. अच्छी नींद के लिए पोटली

सौंफ (आधा कप), काली मिर्च (3 दाने), हरी इलायची (2) की पोटली बनाएं.

तकिए के नीचे रखकर सोएं.

11 दिनों में फर्क दिख सकता है और कम से कम 21 दिनों में नींद बेहतर हो सकती है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 

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