आजकल लोगों में किडनी की बीमारी काफी कॉमन हो गई है. किडनी फेलियर और किडनी डैमेज से पीड़ित लोगों के शरीर में सबसे ज्यादा टॉक्सिंस बनने का खतरा रहता है. लेकिन किडनी डैमेज से पहले शरीर में कई लक्षण भी देखने को मिलते हैं. 

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ऐसे में कई लोगों का सवाल रहता है कि क्या यूरिन में झाग आने का मतलब भी किडनी डैमेज होता है और अगर लगातार ऐसा हो रहा है तो क्या उनकी किडनी फेल भी हो सकती हैं. दरअसल डॉक्टर्स बताते हैं कि हर केस में यूरिन में झाग आने का मतलब किडनी फेलियर नहीं होता है. कई बार ये स्ट्रांग यूरिन स्ट्रीम या डिहाइड्रेशन की वजह से भी हो सकता है. लेकिन अगर बार-बार ऐसा होता है तो फिर बात गंभीर हो सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि कब यूरिन में झाग आने से हो सकता है किडनी डैमेज का खतरा.

यूरिन में झाग आना कब बनता है खतरा?

डॉक्टर्स की माने तो किडनी खराब होने के कई लक्षण होते हैं. ऐसे में यूरिन में झाग आना हर बार किडनी फेलियर का कारण नहीं होता है. लेकिन अगर रोजाना ये चीज रिपीट होती है तो ये खतरे का संकेत है. दरअसल, यूरिन में लगातार झाग आने का मतलब है कि इसमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा है. ऐसे में ये तब होता है, जब आपकी किडनी की फंक्शनल यूनिट यानी ग्लोमेरुलस ठीक तरह से काम नहीं करती है. इसके अलावा अगर आपके पैरों में सूजन, एंक्लस में दर्द और आंखों में भी सूजन रहती है तो ये किडनी डैमेज की निशानी हो सकती है. साथ ही, बार-बार थकान होना, वेट कम होना और कम मात्रा में यूरिन आना भी किडनी प्रॉब्लम के सिम्पटम्स हैं. इस केस में जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर को दिखाना जरूरी है वरना ये समस्या बढ़ भी सकती है.

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कैसे करें किडनी डैमेज से बचाव?

किडनी डैमेज से बचने के लिए सबसे जरूरी है खुद को हाइड्रेटेड रखना. ऐसा करने से आपकी किडनी को शरीर से टॉक्सिंस रिमूव करने में कम मेहनत करनी पड़ती है. साथ ही, इससे यूरिन में झाग आने की समस्या भी खत्म हो जाती है. इसके अलावा खाने में कम से कम नमक का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि इससे किडनियों पर कम लोड पड़ता है. साथ ही, अपनी डाइट से एक्सट्रा प्रोटीन को कट करना भी बेहद जरूरी है क्योंकि यह किडनी के फंक्शन में बादा डालता है और यूरिन में झाग के लिए भी जिम्मेदार होता है.इस दौरान सबसे जरूरी है डॉक्टर से सही समय पर कंसल्ट करना ताकि यूरिन टेस्ट और किडनी टेस्ट के जरिए जल्दी से जल्दी बीमारी का पता लगाकर उसे दूर किया जा सके.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.