ब्लड शुगर टेस्ट डायबिटीज की केयर का एक जरूरी हिस्सा है. हर टेस्ट आपको यह बताता है कि आपका शरीर खाना, दवाइयां, फिजिकल एक्टिविटी और तनाव के प्रति कैसे प्रतिक्रिया कर रहा है. अगर आप नियमित और सही समय पर ये जांच करते हैं तो आपको अपने शुगर लेवल के उतार-चढ़ाव के पैटर्न समझने में मदद मिलती है और इन पैटर्न्स को समझ कर आप मुश्किलों को रोक सकते हैं और अपने इलाज को सही दिशा में रख सकते हैं.

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हर किसी के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि ब्लड शुगर कितनी बार टेस्ट करनी चाहिए, हालांकि यह आपके डायबिटीज के प्रकार, दवाइयों के यूज, शुगर कंट्रोल और लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि ब्लड शुगर टेस्ट कितनी बार करें, इसका सही समय क्या है. 

ब्लड शुगर टेस्ट क्यों जरूरी है?

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1. उतार-चढ़ाव का पता चलता है - डायबिटीज में ब्लड शुगर स्तर हमेशा बदलता रहता है. सुबह का शुगर सामान्य दिख सकता है, लेकिन खाने के बाद अचानक बढ़ सकता है. इसी तरह, रात में सोने से पहले लेवल सामान्य दिख सकता है, लेकिन सुबह बहुत कम हो सकता है. नियमित जांच से आप इन बदलावों का समय रहते पता लगा सकते हैं. 

2. दवाइयों और इंसुलिन की सही मात्रा - इंसुलिन लेने वाले मरीज अपनी खुराक सही करने के लिए, और दवाइयां लेने वाले यह देखने के लिए कि दवा काम कर रही है या नहीं, ब्लड शुगर की जांच करते हैं. 

3. सुरक्षा के लिए - नियमित जांच करने से मरीज को अपनी हेल्थ पर कंट्रोल का एहसास होता है और वे अनुमान लगाने के जगह जानकारी के आधार पर निर्णय ले सकते हैं. 

ब्लड शुगर टेस्ट की गाइडलाइन

RSSDI के अनुसार, ब्लड शुगर टेस्ट की जांच का समय आपके डायबिटीज के प्रकार, दवा और कंट्रोल के लेवल पर निर्भर करती है. 

1. टाइप 1 डायबिटीज - इस प्रकार में शुगर लेवल बहुत जल्दी बदल सकता है. इसमें दिन में 5 से 8 बार जांच की सलाह दी जाती है . जिसमें खाने से पहले, खाने के 2 घंटे बाद, सोने से पहले और कभी-कभी रात 3 बजे. 

2. टाइप 2 डायबिटीज - इसमें जांच की समय आपके इलाज के तरीके पर निर्भर करती है. जो केवल दवाइयों  पर हैं वह दिन में कम से कम 4 बार जांच कराएं. खासकर अगर आप सुल्फोनिलयूरिया या मेग्लिटिनाइड्स ले रहे हैं इसके अलावा स्थिर या नियंत्रित स्थिति में हफ्ते में कम से कम 4 बार जांच कराएं, एक बार खाली पेट और बाकी 3 बार खाने के बाद. वहीं जो इंसुलिन पर हैं  वो दिन में कम से कम 4 बार जांच कराएं. जिसमें खाने से पहले, बाद में और सोने से पहले. इसके अलावा स्थिर स्थिति में हफ्ते में 4 बार जांच कराएं,  जिसमें FBG और तीन खाने के बाद टेस्ट शामिल हों.

3. प्रेगनेंसी में डायबिटीज - प्रेग्नेंट महिलाओं में शुगर का बैलेंस मां और बच्चे दोनों के लिए जरूरी है. अगर इंसुलिन या OADs पर हैं तो दिन में 4 बार टेस्ट कराएं. अगर सिर्फ डाइट और एक्सरसाइज पर हैं तो हफ्ते में कम से कम 1 पूरा दिन प्रोफाइल टेस्ट कराएं. 

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.