Low Carb Diet: मोटापा और वजन बढ़ना आज गंभीर समस्या बन गई हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह सिडेंटरी लाइफस्टाइल और अनहेल्दी-प्रोसेस्ड-पैकेज्ड फ़ूड्स हैं. इससे बचने के लिए रोजाना एक्सराइज करने की सलाह दी जाती है. इसमें हेल्दी डाइट का भी काफी महत्व होता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि वजन कम करने में लो कार्ब्स वाले फूड्स (Low carb Diet For Weight Loss) लेना फायदेमंद हो सकता है. इससे मोटापे की समस्या को भी कम किया जा सकता है. जानिए लो कार्ब्स डाइट वेट लॉस में कैसे करती है मदद..

 

लो कार्ब्स डाइट क्या है

रेस्ट्रिक्टेड कार्ब्स डाइट को ही लो कार्ब डाइट कहते हैं. पारंपरिक वेस्टर्न फ़ूड के मुकाबले लो कार्ब डाइट में कार्बोहाइड्रेट कम और प्रोटीन ज्यादा होता है. लो कार्ब आहार फॉलो करते समय कार्बोहाइड्रेट की कमी की वजह से शरीर ऊर्जा के लिए पहले से जमा फैट का इस्तेमाल करता है. जिससे ज्यादा फैट बर्न होता है. चूंकि वजन कम करने के लिए लो कैलोरी की जरूरत होती है. इसलिए जब आप इसे फॉलो करते हैं तो कम कैलोरी भी लेते हैं, इसलिए वेट लॉस के लिए इस डाइट को लेने की सलाह दी जाती है.

 

वजन कम करने में लो कार्ब्स फूड कैसे फायदेमंद

कम कार्ब वाले फूड्स खाने पर कार्बोहाइड्रेट की खपत रोजाना 50 से 150 ग्राम तक रह जाती है. कार्बोहाइड्रेट के एक ग्राम में 4 कैलोरी मिलती है. 200 से 500 कैलोरी का डेली कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए जरूरी है. बाकी कैलोरी प्रोटीन और वसा से मिल जाती है. लो कार्ब डाइट में प्रोटीन, फैट और कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं. इससे अनाज और आलू में पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट से भी बच जाते हैं. इस तरह के डाइट में कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट्स को शामिल नहीं कर सकते हैं.

 

लो कार्ब डाइट वाले फूड्स

पालक, गाजर, ककड़ी, ब्रोकोली, फूलगोभी, पत्तागोभी

सेब, संतरा, तरबूज, नींबू, ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी

बादाम, अखरोट, सूरजमुखी के बीज

नारियल तेल, मक्खन, ऑलिव आयल

अंडा, लीन चिकन, टूना फिश, सार्डिन, सैल्मन

 

लो कार्ब डाइट फॉलो करने का तरीका

वेट लॉस के लिए लो कार्ब डाइट काफी ज्यादा प्रभावी है, हालांकि, लंबे समय तक इसका पालन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे शरीर में कीटोन्स बढ़ता है. यह ऊर्जा का इस्तेमाल करने के लिए फैट्स को तोड़ता है, जिससे वजन काफी कम हो जाता है. अगर लंबे समय तक इस डाइट को लेते हैं तो शरीर को नुकसान भी पहुंच सकता है. इससे क्रैम्प, हड्डियों को नुकसान, थकान, पीरियड में दिक्कत, कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं.