H3N2 Virus Symptoms: इन्फ्लुएंजा ए, H3N2 वायरस की चपेट में आकर कर्नाटक और हरियाणा में दो लोगों की मौत हो गई. देश में इसका पफैलाव बहुत तेजी से हो रहा है. एयर टू एयर इसका प्रसार बहुत तेज होने से यह साइंटिस्ट और डॉक्टरों के कारण चिंता का विषय बना हुआ है. डॉक्टरों का कहना है कि आमतौर पर होने वाले वायरल इतना गंभीर नहीं होता है, लेकिन H3N2 ने सभी को दोबारा सोचने पर मजबूर कर दिया है. डॉक्टर उन कारणों को तलाशने में जुटे हुए हैं, जिसने वायरस को गंभीर बनाया है. वहीं, आम लोगों से अपील की है कि जो लोग भी इस वायरस से संक्रमित हो रहे हैं. उन्हें तुरंत इसका इलाज करा लेना चाहिए. 


क्या पॉल्यूशन से है H3N2 के बढ़ने का कनेक्शन?


डॉक्टरों का कहना है कि H3N2 वायरस प्रसार के पीछे कुछ वजह सामने आई हैं. इनमें मौसम में नमी का होना और प्रदूषण बड़ा कारण है.  इस साल फ्लू के मामलों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है. इसे दिल्ली-एनसीआर में कम तापमान के साथ-साथ कम नमी की स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. मौसम में कम नमी वायरस के प्रसार के लिए अनुकूल मानी जाती है. इसके अलावा, हाई पॉल्यूशन लेवल लोगों के श्वसन तंत्र में संक्रमण पैदा कर रहा है. इससे लंग्स कमजोर हो रहे हैं. वायरस आसानी से अटैक कर संक्रमित कर रहा है. 


पॉल्यूशन इस तरह पहुंचाता है नुकसान


सवाल है कि वायु प्रदूषण H3N2 वायरस के तेजी से फैलने का कारण कैसे बनता है? कई स्टडी में सामने आया है कि हवा में पार्टिकुलेट मैटर की उपस्थिति चिंताजनक होती है. तरल और ठोस दोनों तरह के छोटे कण हवा में तैरते हैं. ये इतने छोटे होते हैं कि फेफड़ों और रक्त प्रवाह दोनों में प्रवेश कर सकते हैं. ये गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाते हैं. ये लंग्स को इतना कमजोर कर देते हैं कि किसी सामान्य वायरस का हमला भी सहन नहीं कर पाते हैं. 


वायरस का कॉकटेल भी खतरनाक


डॉक्टरों का कहना है कि हवा में मौजूद कई तरह के वायरस का कॉकटेल भी हयूमन बॉडी के लिए खतरनाक है. एडेनोवायरस भी इन दिनोें हवा में घूम रहा है. ऐसे में इन्फ्लूएंजा और एडेनोवायरस के बीच अंतर करना मुश्किल है. अकसर दोनों तरह के वायरस ही खुद को विशिष्ट वायरल प्रोड्रोम्स या रोग के लगभग एक जैसे लक्षण दिखाते हैं. हालांकि, एडेनोवायरस संक्रमण में आंखों में लालिमा देखने को मिल सकती है.