एक रिसर्च बताती है कि शरीर से हमें ऐसे कई सिग्नल्स मिलते हैं, जो यह बताते हैं कि हमारी जवानी में ही मौत हो सकती है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ बालों का सफेद होना और झुर्रियां आना जैसे संकेत देखने को मिलते हैं. इनको देखकर हम किसी की भी उम्र का अंदाजा आसानी से लगा सकते हैं. इसी तरह हम उन संकेतों को भी पहचान सकते हैं, जिससे यह मालूम चल सकता है कि हमें युवावस्था में ही मरने का खतरा है. जर्नल ऑफ कैचेक्सिया, सरकोपेनिया एंड मसल में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, ग्रिप स्ट्रेंथ की कमी शॉर्ट लाइफ का वार्निंग सिग्नल है. 


अमेरिकी रिसर्चर्स ने पाया कि कमजोर ग्रिप स्ट्रेंथ वाले लोगों ने 'DNA मिथाइलेशन ऐज एक्सीलरेशन' का प्रदर्शन किया. जिसका मतलब है कि उन्होंने मजबूत पकड़ वाले (स्ट्रांग ग्रिप स्ट्रेंथ वाले) लोगों की तुलना में तेजी से उम्र बढ़ने के सिग्नल्स दिखाए हैं. फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अध्ययन के मुख्य लेखक डॉ. मार्क पीटरसन ने कहा कि उन्होंने कमजोरी और तेजी से उम्र बढ़ने के बीच एक लिंक खोजने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें उम्मीद नहीं थी कि इन दोनों के बीच का लिंक इतना मजबूत निकलेगा.


ग्रिप टेस्ट करना क्यों जरूरी?


उन्होंने कहा कि हम एक नई टैगलाइन का इस्तेमाल कर रहे हैं कि 'कमजोरी एक नया धूम्रपान है'. डॉ मार्क ने कहा कि फंक्शनल स्ट्रेंथ को जांचने के लिए डॉक्टर को रूटीन अपॉइंटमेंट के दौरान ग्रिप टेस्ट करना चाहिए. ग्रिप स्ट्रेंथ (पकड़ की ताकत) का संबंध पूरे शरीर की ताकत से है. इसका मतलब ये है कि अगर आपकी पकड़ की ताकत यानी ग्रिप स्ट्रेंथ कमजोर है तो इसका असर पूरे शरीर पर पड़ सकता है. आपके शरीर के बाकी अंगों के कमजोर होने की संभावना भी बढ़ सकती है. 


कमजोर ग्रिप स्ट्रेंथ वालों को इन बीमारियों का खतरा!


अगर किसी की पकड़ कमजोर है तो ये इस बात का एक वार्निंग सिग्नल है कि उन्हें उम्र से जुड़ी पुरानी बीमारियों का ज्यादा खतरा है. उम्र से जुड़ी बीमारियों में डिमेंशिया, दिल की बीमारी और डायबिटीज शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, किसी चीज़ को पकड़ते वक्त अगर आप कमजोर महसूस कर रहे हैं या आप उस चीज को ठीक से नहीं पकड़ पा रहे तो आपको डॉक्टर के पास जाकर जरूरी टेस्ट कराने चाहिए.


कैसे रखना है अपना ख्याल?


पकड़ की ताकत में सुधार करना इस समस्या का समाधान नहीं है. बल्कि इसका समाधान जीवन में उन सभी चीजों को शामिल करना है, जो शरीर की मजबूती में सुधार के लिए जरूरी हैं, जैसे संतुलित आहार खाना, शराब से परहेज करना और रोजाना शारीरिक गतिविधि करना आदि.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीको व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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