सीने में दर्द होने पर अक्सर लोगों को हार्ट अटैक का डर सताता है, लेकिन हर चेस्ट पेन हार्ट अटैक नहीं होता. पेट और इंटेस्टाइन में फंसी गैस भी चेस्ट में तेज, क्रैम्प जैसा या जलन वाला दर्द पैदा कर सकती है, जो कभी-कभी हार्ट अटैक जैसा लगता है. ये पेन अक्सर जल्दी-जल्दी खाने, स्पाइसी या फ्राइड फूड और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पीने से होता है.

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डॉ. संजय द्विवेदी बताते हैं कि सीने में दर्द गैस या हार्ट अटैक दोनों का लक्षण हो सकता है और इसे नजरअंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है. लोग अक्सर हल्के दर्द को गैस समझकर लापरवाही करते हैं, जबकि इसका सही अंतर जानना गंभीर परिणामों से बचने में मदद करता है.

गैस का पेन या हार्ट अटैक?

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  • गैस का पेन:  ये एक डाइजेस्टिव डिसऑर्डर है, जो पेट और इंटेस्टाइन में फंसी एयर की वजह से होता है. इसके लक्षण शार्प, क्रैम्पी या बर्निंग होते हैं, जो अपर एब्डोमेन और चेस्ट के बीच कहीं भी हो सकते हैं। इसके साथ ब्लोटिंग, बर्पिंग और बॉडी में हैवीनेस फील हो सकती है. सबसे इम्पोर्टेन्ट डिफरेंस ये है कि गैस रिलीज करने, डकार लेने या बॉडी पोजिशन चेंज करने से अक्सर पेन में रिलीफ मिलता है. ये पेन यूजुअली हैवी मील या कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पीने के बाद स्टार्ट होता है.
  • हार्ट अटैक: ये एक मेडिकल इमरजेंसी है, जिसमें हार्ट में ब्लड फ्लो ब्लॉक हो जाता है. इसमें चेस्ट में प्रेशर, हैवीनेस या टाइटनेस फील होती है. ये डिस्कंफर्ट अक्सर लेफ्ट आर्म, जॉ, नेक, बैक और शोल्डर तक फैल सकता है. इसके साथ स्वेटिंग, शॉर्टनेस ऑफ ब्रेथ, डिजीनेस और नॉजिया जैसे सिम्पटम्स होते हैं. हार्ट अटैक का पेन रेस्ट करने या पोजिशन चेंज करने से ठीक नहीं होता, बल्कि लगातार बना रहता है. ये पेन 10 मिनट से ज्यादा टाइम तक गायब नहीं होता.

कब लें डॉक्टरी सलाह?

अगर आपको चेस्ट पेन के साथ आर्म, जॉ, नेक या बैक तक फैलने वाला प्रेशर या पेन, सांस लेने में तकलीफ, पसीना आना, चक्कर आना, मतली या उल्टी, या बेचैनी फील हो और ये सिम्पटम्स जल्दी ठीक न हों, तो इमरजेंसी सर्विसे, से कांटेक्ट करें. हल्के पेन को इग्नोर न करें, क्योंकि हार्ट अटैक के वार्निंग साइन हर पर्सन में अलग-अलग हो सकते हैं.

गैस का पेन हार्ट अटैक जैसा क्यों लगता है?

डॉ. संजय के अनुसार, आपकी इंटेस्टाइन और हार्ट के बीच की नर्व्स एक ही एरिया में सिग्नल भेजती हैं. जब गैस लेफ्ट साइड में जमा होती है, तो ये डायाफ्राम पर प्रेशर डालती है. इससे चेस्ट में पेन फील होता है, जो हार्ट अटैक जैसा लग सकता है. हालांकि, अगर कोई संदेह हो, तो सावधानी बरतना और किसी डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.