आजकल यंगस्टर्स चाउमिन, मोमोज, बर्गर, पिज्जा जैसी चीजें खाना काफी ज्यादा पसंद करते हैं. इनमें आजकल फ्राइड राइस काफी ट्रेंड में है. फ्राइड राइस लोगों को बहुत पसंद आता हैं. इसे सिर्फ बच्चे ही नहीं बल्कि बड़े लोग भी मजे से खाते हैं. ऐसे में फ्राइड राइस कोई खास डिश नहीं है बल्कि इसमें सिर्फ चावल को फ्राई करके इस डिश को तैयार किया जाता है. लेकिन फिर भी कई लोगों को ये इतने पसंद होते हैं कि उन्हें इसे बार-बार खाने की क्रेविंग होती है. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि ऐसे लोगों को फ्राइड राइस सिंड्रोम हो सकता है. ये एक ऐसी बीमारी है जो काफी ज्यादा फ्राइड राइस खाने से होती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या होता है फ्राइड राइस सिंड्रोम.
क्या है फ्राइड राइस सिंड्रोम?
फ्राइड राइस सिंड्रोम एक डेडली बैक्टिरियल पॉयजनिंग है, जो आपको इतना बीमार कर सकती है कि आप समझ भी नहीं पाएंगे कि ये कैसा हुआ. यह सिंड्रोम बेसिलस सेरियस नाम के बैक्टीरिया से होता है. ये माइक्रोस्कोपिक ऑर्गेनिज्म ज्यादातर स्टार्ची फूड पर ग्रो करता है, जैसे - राइस, पास्ता, मैगी. ऐसे में इसकी ग्रोथ सबसे ज्यादा ठंडे खाने पर होती है. बाकी खाने की तरह ये फूड पॉयजनिंग भी खाने को सही टेंपरेचर पर न रखने और इसे सही से कुक न करने की वजह से होती है. ऐसे में ये सबसे ज्यादा उन लोगों को होता है, जो काफी ज्यादा फ्राइड राइस खाते हैं. इसलिए इसे फ्राइड राइस सिंड्रोम कहा जाता है.
कैसे होता है ये सिंड्रोम?
अगर आप गौर करें तो फ्राइड राइस बनाने की प्रोसेस में सबसे पहले चावल को उबला जाता है. इसके बाद उन्हें ठंडा होने के लिए रख दिया जाता है. ऐसे में इसी चावल को ठंडा करने की प्रोसेस में इसमें बेसिलस सेरियस बैक्टीरिया ग्रो कर जाता है और इसे दुबारा से कुक करने के बाद भी यह नहीं मरता है. ऐसे में काफी ज्यादा या रोजाना फ्राइड राइस खाने वाले लोगों को इससे कई तरह की परेशानियां हो जाती हैं.
फ्राइड राइस सिंड्रोम है खतरनाक
फ्राइड राइस सिंड्रोम में लोगों को कई तरह की परेशानियां हो जाती हैं. रोजाना फ्राइड राइस खाने वालों को डायरिया, चक्कर, फीवर, पेट दर्द, क्रैंप्स या वॉमिटिंग जैसी शिकायतें होने लगती हैं. साथ ही, कई लोगों को इससे पेट में जलन, डाइजेशन प्रॉब्लम और फूड पॉयजनिंग भी हो जाती है.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.