अमेरिका के सबसे लोकप्रिय और जाने-माने जजों में से एक, फ्रैंक कैप्रियो का 88 साल की उम्र में निधन हो गया. उनका निधन पैंक्रियाटिक कैंसर (Agnashay Cancer) के कारण हुआ. जज कैप्रियो सिर्फ अपने फैसलों के लिए ही नहीं बल्कि अपने दयालु स्वभाव और कल्याणकारी निर्णयों के लिए भी प्रसिद्ध थे. उनके निधन ने अमेरिका और पूरी दुनिया में उनके प्रशंसकों को बहुत दुःख दिया.

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जीवन और करियर

जज कैप्रियो को दुनिया भर में "कैच इन प्रोविडेंस" नामक रियलिटी शो के माध्यम से जाना गया. इस शो में उन्होंने ट्रैफिक और छोटे-मोटे मामलों की सुनवाई अपने अनोखे और दयालु अंदाज में की. उनका अंदाज हमेशा इंसानियत और समझदारी से भरा रहता था. सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो बहुत वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने एक बुजुर्ग व्यक्ति का ओवरस्पीड का चालान माफ कर दिया. उन्होंने कहा कि यह पहला मौका था जब बुजुर्ग ने तय सीमा से ज्यादा स्पीड से गाड़ी चलाई थी. इस छोटे फैसले में उनकी सहानुभूति और दया साफ झलकती थी.

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पैंक्रियाटिक कैंसर कितनी खतरनाक है

जज फ्रैंक कैप्रियो की मौत पैंक्रियाटिक कैंसर के कारण हुई. यह कैंसर Pancreas में शुरू होता है, जो पेट के अंदर एक महत्वपूर्ण अंग है और पाचन और इंसुलिन उत्पादन में मदद करता है.

पहचान में कठिनाई

पैंक्रियाटिक कैंसर अक्सर शुरुआती चरण में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाता. इसलिए इसे अक्सर तब पता चलता है जब बीमारी काफी बढ़ चुकी होती है.

तेजी से फैलने वाला कैंसर

यह कैंसर जल्दी फैल सकता है और पास के अंग जैसे लीवर, पेट और ब्लड सेल्स तक पहुंच सकता है. इसी वजह से इलाज करना मुश्किल हो जाता है.

उच्च मृत्यु दर

पैंक्रियाटिक कैंसर के कारण जीवित रहने की संभावना बहुत कम होती है. अधिकांश मरीज निदान के 5 साल के भीतर नहीं बच पाते, खासकर अगर कैंसर एडवांस स्टेज में हो.

लक्षण और संकेत

पेट या पीठ में दर्द, वजन घटना, त्वचा और आंखों का पीलापन, भूख कम होना इसके मुख्य लक्षण हैं. जब यह बहुत बढ़ जाता है तो मरीज की सेहत जल्दी बिगड़ती है.

इलाज की चुनौतियां

सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी इलाज के मुख्य विकल्प हैं. लेकिन एडवांस स्टेज में कैंसर निकालना मुश्किल होता है.

पैंक्रियाटिक कैंसर दुनिया के सबसे खतरनाक कैंसरों में से एक माना जाता है. इसकी शुरुआती पहचान मुश्किल और तेजी से फैलने की क्षमता इसे और गंभीर बनाती है. समय पर जांच कराना, स्वास्थ्य पर ध्यान देना और लक्षणों को नजरअंदाज न करना ही इससे बचाव का सबसे बड़ा तरीका है.

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