Poonam Pandey: अपनी ही मौत की झूठी खबर उड़ाने वाली एक्ट्रेस-मॉडल पूनम पांडे से लोग नाराज हैं. उनके इस पब्लिसिटी स्टंट को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के रिएक्शन आ रहे हैं. ज्यादातर लोगों का मानना है कि सर्वाइकल कैंसर या किसी बीमारी को लेकर इस तरह जागरूकता फैलाना कतई अच्छा तरीका नहीं हो सकता है. बता दें कि दो फरवरी को फेक न्यूज आई थी कि पूनम पांडेय (Poonam Pandey) की सर्वाइकल कैंसर से मौत हो गई है. बता दें कि यह एक ऐसा कैंसर है, जिससे हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है. यह पहली बार नहीं है जब पूनम पांडेय ने सुर्खियां बटोरने के लिए ऐसा तरीका अपनाया है, इससे पहले भी वे इस तरह की चीजें कर चुकी हैं. इसलिए सवाल उठने लगा है कि कहीं पूनम पांडेय एचपीडी की शिकार तो नहीं हैं.

 

क्या पूनम पांडेय का तरीका सही है

मनोचिकित्सक इस तरह के पब्लिसिटी स्टंट को सामाजिक तौर पर ठीक नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि सोशल मीडिया के दौर में अटेंशन पाने के लिए खबरों में बने रहने के लिए लोग इस तरह के तरीके अपनाते हैं लेकिन पूनम पांडेय ने जो किया वह मौत जैसे सेंसेटिव सब्जेक्ट का मजाक बनाना है. अटेंशन पाने के लिए इस तरह के तरीके को साइकोलॉजी में हिस्ट्रियॉनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर (HPD) कहा जाता है.

 

हिस्टेरियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर क्या है

एचपीडी यानी हिस्टेरियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर मेंटल हेल्थ की समस्या है. जिसमें भावनाओं की अस्थिरता, सेल्फ इमेज को लेकर चिंता और अटेंशन पाने की बहुत ज्यादा इच्छा रहती है. ऐसे लोग ध्यान आकर्षित करने के लिए अक्सर ही ड्रामा या कोई अजीबोगरीब व्यवहार करते हैं. उन्हें यह एहसास नहीं हो पाता है कि उनका व्यवहार और सोचने का तरीका समस्याग्रस्त हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एचपीडी की समस्या एक दुर्लभ डिसऑर्डर है. शोधकर्ताओं के अनुसार करीब 1 प्रतिशत लोगों में यह समस्या हो सकती है.

 

एचपीडी की पहचान कैसे करें


  • अटेंशन पाने के लिए अत्यधिक, भावुकता और कामुकता का प्रयास करना.

  • अटेंशन न मिलने पर उदास हो जाना

  • बहुत ज्यादा ड्रामा या इमोशनल बिहैवियर अपनाना

  • आकर्षक दिखने और लोगों का ध्यान खिंचने अजीब कपड़े पहनना, मेकअप करना


 

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