नयी दिल्ली: इस मौसम में बहने वाली जहरीली हवा हर किसी के लिए नुकसानदेह है और खासतौर पर दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वाहनों से निकलने वाले धुंए, पड़ोसी राज्यों में धान की पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के साथ ही दीवाली के मौके पर होने वाली आतिशबाजी बच्चों और बुजुर्गों के लिए तो घातक है ही, महिलाओं के लिए भी काफी नुकसानदेह है. विशेषज्ञों का दावा है कि इस प्रदूषण से ब्रेस्ट कैंसर तक हो सकता है.


इस मौसम में वायु प्रदूषण अब बड़ा चिंता का कारण बन चुकी है. पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय द्वारा एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाये जाने की पृष्ठभूमि में यह बहस और तेज हो गयी है.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट-


इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के सर्जिकल ओंकोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ सिद्धार्थ साहनी के अनुसार, प्रदूषणकारी तत्व शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक हैं. कुछ प्रदूषणकारी तत्वों की वजह से कैंसर होने का खतरा होता है और महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की आशंका भी रहती है.


उन्होंने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के 10 प्रतिशत कारण आनुवांशिक कारकों से जुड़े होते हैं लेकिन 90 प्रतिशत वजहें बाहरी होती हैं. इनमें पर्यावरण संबंधी कारक निश्चित रूप से एक वजह है.


मेदांता, गुड़गांव की रेडियोलॉजी विभाग की एसोसिएट निदेशक डॉ ज्योति अरोरा ने ब्रेस्ट कैंसर को भारत में बीमारियों से महिलाओं की मौत की दूसरी बड़ी वजह बताते हुए कहा, ‘‘हमने देखा है कि वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे बड़ी मात्रा में जुड़े हैं. नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड, सल्फर डाइ ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड और लैड जैसे नुकसानदेह तत्वों से दमा, किडनी और फेफड़ों को नुकसान के साथ ही महिलाओं को भी काफी खतरा होता है.’’


उन्होंने कहा कि प्रदूषण और ब्रेस्ट कैंसर का यूं तो आपस में कोई सीधा संबंध नहीं है लेकिन वायु प्रदूषण में ऐसे कई जहरीले तत्व होते हैं जिसमें अलग अलग लोगों को उनकी जीवनशैली के आधार पर अलग अलग नुकसान होते हैं.


क्या कहते हैं आंकड़े-


भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2020 तक कैंसर के 17.30 लाख से अधिक नये मामले सामने आ सकते हैं और इस बीमारी से 8.7 लाख लोगों की मौत की आशंका है इनमें सर्वाधिक जिम्मेदार कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर, उसके बाद लंग और सर्विक्स कैंसर होंगे.


आईसीएमआर की एक और रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल ब्रेस्ट कैंसर के लगभग 1.44 लाख नये मामले सामने आते हैं और यह शहरी भारत में महिलाओं के लिए सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है.


कोलंबिया एशिया अस्पताल (पटियाला) में गायनोकोलाजिस्ट डॉ जी कंबोज ने भी ब्रेस्ट कैंसर और वायु प्रदूषण के बीच तार जुड़े होने की बात मानी. उन्होंने कहा कि जहरीली हवा में पाई जाने वाली नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकती है.


डॉ साहनी के अनुसार 2016 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के महानगरों में प्रत्येक 11 में से एक महिला को पूरे जीवनकाल में कभी भी ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा होता है. 2002 में भारत में महिलाओं की मौत के लिए ब्रेस्ट कैंसर 246वां कारण था जो दस साल बाद यानी 2012 में महिलाओं की मृत्यु के तीन प्रमुख कारणों में शुमार हो गया.


नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.