Walking Is Good For Health: टहलना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. डॉक्टर भी मॉर्निंग और इवनिंग वॉक की सलाह देते हैं. सुबह और शाम के समय सड़कों पर आमतौर पर बुजुर्ग बच्चे और युवा लेडीज और जेंट्स आपको घूमते हुए मिल जाएंगे. टहलना आपको फिट रखता है. स्टडी में सामने आया है कि कितने कदम चलकर व्यक्ति हार्टअटैक, कैंसर और दिमागी रोग डिमेंशिया के खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है.


जामा इंटरनेशनल मेडिसन एंड जामा न्यूरोलॉजी जनरल में एक स्टडी पब्लिश हुई. स्टडी में बताया गया कि 10 हजार स्टेप प्रतिदिन चलने से डिमेंशिया का खतरा 50% तक कम हो जाता है. इससे समझा जा सकता है कि केवल चलने से ही दिमाग के ब्रेन पॉवर को बढ़ाया जा सकता है.


80 हजार लोगों पर भी स्टडी
रिसर्च में 80 हजार लोगों को शामिल किया गया. उनका फिटनेस ट्रैकिंग डाटा रखा गया. स्टडी में सामने आया कि जिन्होंने अपने कदमों की स्पीड तेज कर दी. उन्हें हर दिन अधिक हेल्थ बेनिफिट मिले. जो लोग 30 मिनट में 80 से 100 स्टेप चल रहे थे. उनमें कैंसर और हार्ट डिजीज का खतरा 25% तक कम हो गया था. इन्हीं लोगों में 30 परसेंट तक डिमेंशिया का खतरा कम देखा गया. विशेष बात यह रही कि ऐसे लोगों में 35 पर्सेंट तक कम मोर्टेलिटी यानि मृत्यु दर देखी गई. स्टडी में उन लोगों को भी देखा जा रहा था जो बेहद कम वॉक कर रहे थे. उनमें इन रोगों के होने का खतरा अधिक देखा गया.


जरूरी नहीं एक साथ 30 मिनट ही चले
स्टडी में कुछ लोग ऐसे भी सामने आए जो एक साथ 30 मिनट नहीं चल सकते थे. उन्हें सलाह दी गई कि वह 30 मिनट को अलग-अलग हिस्सों में बांट लें और जितनी देर चल सकते हैं वह तेज कदमों से चलें. तेजी से चलने पर भी वैसे ही रिजल्ट सामने आए. सभी में हार्टअटैक, डिमेंशिया और कैंसर होने का खतरा कम देखा गया.


डॉगी को साथ लेकर घूम सकते हैं
हर कोई सुबह या शाम के समय टहलना पसंद नहीं करता है. बहुत से लोग मॉर्निंग में बेड नहीं छोड़ना चाहते हैं. इवनिंग में काम की वजह से वह घर या ऑफिस से बाहर नहीं निकल पाते. ऐसे लोगों को एक्सपर्ट ने सलाह दी है कि यदि घर में डॉगी है तो उसे टहलने के लिए साथ लेकर जाएं. इससे इवनिंग या मॉर्निंग वॉक भी हो जाएगी और 10000 स्टेप का टारगेट भी पूरा होगा. इससे गंभीर बीमारियों का खतरा भी कम हो जाएगा. डॉक्टरों का कहना है कि मॉर्निंग वॉक जहां आपको फ्रेश रखता है. वहीं फैट काफी कम हो जाती है. इससे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज के पैदा होने का खतरा कम होता है. इसके अलावा कोलेस्ट्रोल मेंटेन रहता है. इससे हार्ट अटैक आने की संभावना बेहद कम हो जाती है.


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