Eyelid Myokymia: हम सभी की कभी न कभी आंख फड़कती है. कई लोग मानते हैं कि इसका कनेक्शन अच्छा या बुरा होने से हैं. आपने लोगों से यह सुना भी होगा कि "आंखे फड़क रही है, लगता है कुछ अच्छा या बुरा होने वाला है". मगर क्या यह सच है? या इसका कनेक्शन स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों से है? नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) का कहना है कि वैसे तो आंखों का फड़कना आम बात है. बहुत कम ही ऐसा होता है कि ये किसी स्वास्थ्य परेशानी का संकेत देता है. लेकिन कई बार छोटी सी दिक्कतें भी बड़ी परेशानियों का सबब बन सकती हैं. इसलिए छोटी शारीरिक परेशानियों को भी इग्नोर नहीं किया जाना चाहिए.  


अगर आपकी आंखें ज्यादा समय तक फड़क रही हैं तो इसको नजरअंदाज का भारी पड़ सकता है. मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा आमतौर पर जीवन में चल रहे तनावों के कारण होता है. अगर आप ज्यादा चिंता करते हैं, थकान महसूस करते हैं, कैफीन या शराब का सेवन करते हैं तो आपकी आंखे फड़क सकती हैं. इसके अलावा, कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट के रूप में भी ये स्थिति कई बार पैदा हो जाती है. आंख फड़कने की समस्या को मेडिकल भाषा में मायोकिमिया कहा जाता है. 


आंखों का फड़कना आमतौर पर एक मामूली दिक्कत होती है, जो जितनी जल्दी आती है उतनी ही जल्दी चली भी जाती है. हालांकि कई बार कुछ लोगों में आंखों का फड़कना उनकी शारीरिक परेशानियों का संकेत दे रहा होता है. अगर बार-बार या लंबे समय से आपकी आंखें फड़क रही हैं तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए. 


आपको कब डॉक्टर से कॉन्टैक्ट करना चाहिए?


1. शरीर के कई भागों में ऐंठन


2. शरीर में चुनचुनाहट महसूस होना 


3. कमजोरी लगना 


4. दोहरी दृष्टि होना


5. आंखें लाल दिखाई देना


6. पलकों का सूजना


तनाव भी एक कारण


अगर आप इन लक्षणों को महसूस नहीं कर रहे हैं और सिर्फ आंखें ही फड़क रही हैं, तो इसकी ज्यादा संभावना है कि आपको स्ट्रैस है. स्ट्रैस की वजह से भी कई बार आंखों के फड़कने की समस्या पैदा होती है. हालांकि कुछ मामलों में आंख फड़कने का कारण ऑटोइम्यून बीमारी, मूवमेंट डिसआर्डर और कैंसर का ट्यूमर हो सकता है. डायस्टोनिया, जो एक मूवमेंट डिसआर्डर है, ये मांसपेशियों में ऐंठन और संकुचन का कारण बनता है. 


डायस्टोनिया के वैसे तो कई उप-प्रकार हैं. लेकिन जिनका संबंध आंखों के फड़कने से होता है, वो ब्लेफेरोस्पाज्म और सर्वाइकल डिस्टोनिया है. सरवाइकल डायस्टोनिया गर्दन की मांसपेशियों में ऐंठन और झुकाव की वजह बनता है, जो कुछ मामलों में दोनों ही आंखों को प्रभावित कर सकता है. जबकि डायस्टोनिया इतना घातक नहीं है. इन स्थितियों से जुड़ी समस्याओं को नजरअंदाज करना जानलेवा भी साबित हो सकता है, इसलिए सावधानी बरतना बहुत जरूरी है.


ब्रेन ट्यूमर का संकेत!


आंखों के फड़कने का एक और संभावित कारण कॉर्नियल एब्रेशन है, जो आंख के सामने वाले हिस्से कोर्निया उपकला की सतह पर चोट या छोटी सी खरोंच होता है. आंखों का फड़कना ब्रेन ट्यूमर का संकेत भी हो सकता है. इसलिए किसी भी ऐसी स्थिति को नजरअंदाज न करें, जिसमें आपका शरीर कुछ असामान्य महसूस कर रहा हो. 


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