Eye Disease List: नॉन कम्यूनिकेबल डिसीज का प्रसार दुनिया भर में बढ़ रहा है, खासकर भारत में. दुनिया भर में हुए कई रिसर्च के निष्कर्षों के अनुसार, भारतीयों में मधुमेह वाले रोगियोें में ग्लूकोमा से संबंधित आंखों के रोग बढ़ने की संभावना बहुत अधिक होती है. इसलिए जरूरी है कि आंखों की रोगों की पहचान जल्द से जल्द की जाए. इनका इलाज शुरू करा दिया जाए. डॉक्टरों का कहना है कि आंखों की कई बीमारियां मामूली होती हैं और बहुत लंबे समय तक नहीं रहती हैं. हालांकि, कुछ गंभीर नेत्र स्थितियां आंखों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकती हैं. यहां तक ​​कि कई बार पूर्ण ब्लाइंडनेस हो सकती है. इनमें 5 तरह की बीमारियों की पहचान की जा सकती है. 


1. सूखी आंखें
सूखी आंखें आंखों को काफी परेशान कर सकती हैं. यह अंधापन ला सकती है. आमतौर पर यह परेशानी दोनों आंखों में हो सकती है. आँखों को नम, स्वस्थ और संक्रमण मुक्त रखने के लिए आंखों में आंसूओं की उपस्थिति जरूरी है. आंसू न रहने पर आंखें शुष्क हो जाती हैं. कई बार ऐसा होता है कि आंसुओं का कम उत्पादन होने और अन्य वजह से आंखें सूखी जाती हैं. 


2. ग्लूकोमा
ग्लूकोमा आंख की स्थिति की ऐसी कंडीशन है, जहां ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचा सकता है. ऑप्टिक तंत्रिका तंत्र अच्छे विजन के लिए जरूरी हैं. आंखों पर अधिक दबाव के कारण अक्सर आंखों की यह स्थिति हो जाती है. ग्लूकोमा के कारण अंधेपन की नौबत आ सकती है. यह रोग डायबिटीज के कारण हो जाता है. इसलिए डायबिटीक पेशेंट को विशेष तौर पर ध्यान रखने की जरूरत है. 


3. उम्र से संबंधित परेशानी
उम्र से संबंधित धब्बेदार अधंापन होना बुजुर्गाें की एक कंडीशन होती है. 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में ये अधिक देखने को मिलती है. इसमें आंख के पिछले हिस्से को नुकसान हो सकता है. उम्र के कारण आंखों में परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं. धुम्रपान करने वाले, जेनेटिक व अन्य कंडीशन के कारण यह स्थिति बनती है. 


4. मायोपिया 
मायोपिया (निकट दृष्टि दोष ) वाले लोगों को दूर की वस्तुओं को देखने में परेशानी होती है, लेकिन वे निकट की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं. यदि आपको मायोपिया है, तो हो सकता है कि यह जेनेटिक हो. हालांकि कई बार मायोपिया के कारणों की जानकारी नहीं हो पाती है. डॉक्टरों का कनहा है कि मायोपिया का कोई इलाज नहीं है, इससे बचााव के लिए स्क्रीन ब्रेक लें, डिजीटल उपकरण कम यूज करें, कम रोशनी में न पढ़ें, बाहर धूप का चश्मा पहनें, धुम्रपान बंद कर दें, नियमित आंखों की जांच कराएं. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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