Vitamin D: विटामिन डी आपकी हड्डियों, मांसपेशियों, नसों, प्रतिरक्षा प्रणाली, के लिए महत्वपूर्ण है. विटामिन का मुख्य सोर्स सूर्य की किरणों का प्रकाश है. इसके अलावा कोई खाने पीने की चीजों से विटामिन डी शरीर को मिलता है. यह शरीर में कैल्शियम और फास्फेट के अवशोषण को बढ़ाता है.लेकिन अगर आप इसे बहुत अधिक ले लेते हैं, तो यह एक दुर्लभ और गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है जिसे विटामिन डी टॉक्सिसिटी कहा जाता है. मेडिकल भाषा में डॉक्टर इसे हाइपरविटामिनोसिस डी कहते हैं. ये स्थिति कमजोरी और उल्टी जैसे लक्षण ला सकती है. ये आपके गुर्दे या हृदय गति को भी प्रभावित कर सकता है.


किडनी को नुकसान- अगर आप जरूरत से ज्यादा विटामिन डी का सेवन करने लगते हैं तो ये ब्लड में कैल्शियम का लेवल बढ़ा देता है.इसके चलते हमारे शरीर के टिशूज को नुकसान पहुंच सकता है. किडनी फेल होने का खतरा बढ़ जाता है.विटामिन डी विषाक्तता के परिणामस्वरूप किडनी में इंजरी और  किडनी फेल भी हो सकती है.ऐसा इसलिए है क्योंकि शरीर में बहुत अधिक विटामिन डी होने से कैल्शियम का उच्च स्तर हो सकता है, जिससे बहुत अधिक पेशाब और किडनी के कैल्सीफिकेशन के माध्यम से पानी की कमी हो सकती है.इसके अलावा किडनी में पथरी हो जाने की आशंका भी बढ़ जाती है.


फेफड़ों को नुकसान- अधिक विटामिन डी के सेवन से खून में कैल्शियम, फास्फेट के स्तर को बढ़ा देता है. उनसे बने क्रिस्टल फेफड़ों में जमा होने लगते हैं. इससे फेफड़े को नुकसान हो सकता है.इसके चलते सीने में दर्द औऱ सांस लेने में परेशानी होने लगती है.


मनोभ्रम की शिकायत-विटामिन डी से होने वाली टॉक्सीसिटी से आमतौर पर लोगों में भ्रम अवसाद मनोविकास जैसे लक्षण पैदा हो जाते हैं. 2021 के एक मामले की रिपोर्ट में एक 64 साल का व्यक्ति गलती से हर रोज विटामिन डी का 200, 000आइयू ले रहा था. इस वजह से उसे मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ा. व्यक्ति भ्रमित रहने लगा. लेकिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद जैसे-जैसे उसके कैल्शियम के स्तर में गिरावट हुआ वो धीरे धीरे ठीक होने लगा.


गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम-विटामिन डी का शरीर में ज्यादा मात्रा में पहुंचना हमारी पेट की आंतों के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है.खून में कैल्शियम बढ़ने से डायरिया, पेट दर्द और कब्ज जैसी शिकायत होने लगती है. इसके चलते उलटी भी होती है.


हड्डियों को बना सकती है कमजोर-ज्यादा विटामिन डी के सेवन से ब्लड में कैल्शियम बढ़ता है इसकी वजह से हड्डियों को मजबूत करने वाले हारमोंस रुक जाते हैं. इससे हड्डियों से जुड़ी गंभीर समस्या पैदा होने लगती है. लोगों में जोड़ों के दर्द सहित हिलने डुलने में भी परेशानी होने लगती है.


कितनी मात्रा में विटामिन डी लेना ठीक होता है


जब इंसान की उम्र 70 साल से ज्यादा हो जाए तो उसे 800 आईयू विटामिन डी की जरूरत होती है. जब व्यक्ति की उम्र 1 साल से लेकर 70 साल की हो तो 600 आईयू विटामिन डी की जरूरत होती है. 12 महीने तक के बच्चे को रोजाना 400 इंटरनेशनल यूनिट विटामिन डी की जरूरत होती है. ये विटामिन डी शरीर के लिए बहुत जरूरी है. इसकी मात्रा कम हो जाए तो भी समस्या हो सकती है और जरूरत से ज्यादा हो जाए तो भी नुकसान पहुंच सकता है.हमेशा कोशिश करें कि धूप से ही विटामिन डी की कमी को पूरा करें. इसके अलावा डॉक्टर की सलाह पर ही विटामिन डी का सेवन करें


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