नयी दिल्ली: मिर्गी भारत में तलाक के प्रमुख कारणों में से एक है और इस बीमारी से पीड़ित करीब 80% लोग कम और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं.


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया है कि दुनिया भर में पांच करोड़ लोग मिर्गी (Epilepsy) से पीड़ित हैं. इनमें से तीन चौथाई लोग भारत जैसे देशों में रहते हैं जहां उपचार के लिए पर्याप्त दवाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें उचित देख भाल नहीं मिल पाती.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन जैसे देशों में मिर्गी के कारण शादी नहीं हो पाती या फिर शादी टूट जाने का बहुत सामान्य कारण है. कई कम और मध्यम आय वाले देशों में मिर्गी रोधी दवाएं कम उपलब्ध होती हैं. हाल ही में हुए एक शोध के मुताबिक ऐसे देशों के सार्वजनिक क्षेत्र में इन दवाओं की उपलब्धता 50% से भी कम है.

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 1998 में भारत में हुए एक शोध में यह बात सामने आई थी कि मिर्गी के प्रति रोगी पर उपचार का खर्च देश के प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय उत्पाद के 88.2% के बराबर है. इसमें चिकित्सा खर्च, इसके लिये यात्रा पर आने वाला खर्च और कार्य दिवसों का नुकसान शामिल है.