अच्छी नींद को अच्‍छी हेल्थ सेहत का राज मानाा जाता है. एक्सपर्ट्स लगातार इसकी अहमियत पर भी जोर देते आए हैं और चेतावनी देते हैं कि नींद की कमी कई सेहत से जुड़ी समस्याओं को जन्म देती है. हाल ही में सामने आई रिसर्च के अनुसार नींद की कमी का दिमाग पर असर शराब के प्रभाव से भी खतरनाक हो सकता है. लगातार नींद की कमी से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम होती है, याददाश्त कमजोर होती है और मूड में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. वहीं नींद की कमी का असर सिर्फ अस्थाई नहीं होता है जैसे शराब पीने पर दिमाग अस्थाई रूप से सुन्‍न पड़ जाता है वैसे ही नींद की कमी दिमाग और शरीर पर लंबे समय तक नेगेटिव इफेक्ट डाल सकती है. लगातार रात में कम नींद लेने वाले लोग धीरे-धीरे अपनी मानसिक और शारीरिक क्षमता खो सकते हैं. 

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नींद की कमी से दिमाग पर पड़ने वाला असर 

नींद की कमी का असर शराब की तरह ही शरीर पर दिखाई देता है. एक रात सही से नींद न लेने के बाद व्यक्ति में अक्सर थकावट, मानसिक भ्रम और आलसीपन महसूस होता है. इसके अलावा लगातार नींद की कमी दिमाग की कोशिकाओं की कार्य प्रणाली को भी प्रभावित कर सकती है. एक्सपर्ट्स के अनुसार नींद की कमी का असर लंबे समय तक हमारे शरीर पर होता है. नींद की कमी से शरीर और दिमाग धीरे-धीरे तहत कमजोर होने लगते हैं, जबकि शराब का असर आमतौर पर अस्थाई होता है. 

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कैसे रखें अपने दिमाग को सुरक्षित?

नींद की कमी के प्रभाव गंभीर होते हैं, लेकिन कुछ उपाय अपना कर इसे कम किया जा सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि हर दिन कोशिश करें कि आप एक ही समय पर सोए और सुबह रोजाना सही टाइम से उठे. इससे शरीर की जैविक घड़ी सही रहती है. वहीं रोजाना कम से कम 7 घंटे की लगातार नींद लें, जिससे दिमाग और शरीर को पर्याप्त आराम मिलता है और कोशिकाएं सही तरीके से काम करती है. इसके अलावा शरीर को सुरक्षित रखने के लिए रात 9 बजे से सुबह 4बजे तक सोने का समय रखें.  यह समय दिमाग और शरीर के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि नींद को प्राथमिकता देना न सिर्फ थकान दूर करने का उपाय है, बल्कि यह दिमाग और शरीर की लंबे समय तक सेहत के लिए भी जरूरी है. 

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