Heart Health Myth: दिल शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है.इसमें जरा सी गड़बड़ी हो जाए तो मानो जीवन खतम. वहीं इन दिनों हार्ट अटैक, दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम भी काफी ज्यादा बढ़ता जा रहा है. इसके पीछे की वजह खराब लाइफस्टाइल और खराब खान-पान तो है ही, साथ ही जागरूकता की कमी और कई तरह की भ्रांतियां भी इस को बढ़ावा दे रही है. आइए जानते हैं दिल की बीमारियों से जुड़े कुछ ऐसे मिथक के बारे में जिन पर विश्वास नहीं करना चाहिए.


दिल से जुड़ी बीमारियों को लेकर मिथक


सिर्फ पुरुषों  को होती है दिल की बीमारियां-लोगों का मानना होता है कि दिल की बीमारियां सिर्फ पुरुषों में ही होती है. लेकिन यह सच नहीं है.ये महिलाओं में भी मृत्यु का मुख्य कारण है. हकीकत में हृदय रोग हर साल स्तन कैंसर की तुलना में अधिक महिलाओं की जान लेता है. मेनोपॉज के बाद महिलाओं में भी पुरुषों की तरह ही दिल का दौरा पड़ने का समान रूप से खतरा होता है.


हाई कोलेस्ट्रॉल ही हृदय रोग के लिए जिम्मेदार -बहुत सारे लोगों का मानना है कि सिर्फ कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से ही दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ती है. यह बात सही है कि कोलेस्ट्रॉल के कारण दिल की बीमारियां बढ़ती है. लेकिन यह सिर्फ इकलौता कारण नहीं है. बीपी, धूम्रपान, डायबिटीज, दिल की बीमारियों का पारिवारिक इतिहास, मोटापा, शारीरिक व्यायाम में कमी भी इसका कारण हो सकते हैं. जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल कम होता है. उनमें भी दिल की बीमारियों की संभावना कम होती है.


हृदय रोग के बाद एक्सरसाइज करना सही नहीं- कई लोग यह मानते हैं कि हृदय रोग होने के कारण अब वह एक्सरसाइज नहीं कर सकते हैं. लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं है. नियमित रूप से एक्सरसाइज जरूरी है. एक्सरसाइज हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने और रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है. हालांकि हृदय रोग वालों को इंटेंस वर्कआउट की मनाही होती है. ऐसे में किसी भी तरह के वर्कआउट शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है.


हृदय रोग में वसा हानिकारक होता है- फैट ह्रदय के लिए हानिकारक होता है. यह पूरी तरह से सच नहीं है. हमारे भोजन में चार अलग-अलग तरह के वसा होते हैं और सभी हानिकारक नहीं होते हैं. सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाले आर्टिफिशियल रूप से बनाए गए ट्रांस वसा हैं. ट्रांस वसा ही खराब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाते हैं.प्लांट बेस्ड अनसैचुरेड फैट दिल के लिए अच्छा होता है.


लोगों का मानना होता है कि जब तक आप अच्छा महसूस कर रहे हैं तब तक आपका दिल स्वस्थ है. लेकिन इस भ्रम में रहना सबसे बड़ी गलती हो सकती है. क्योंकि दिल की बीमारियां चुपचाप बढ़ जाती है. अक्सर कोई लक्षण दिखाई नहीं देते. जब तक लक्षण दिखते हैं तब तक बीमारी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी होती है. इसलिए नियमित जांच करवा कर जटिलताओं से बचा जा सकता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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