Wet Lung Disease Treatment: फेफड़ों हवा को खींचकर बॉडी के इंपोर्टेंट पार्ट दिल को ऑक्सीजन पहुंचाते हैं. हार्ट इसी ऑक्सीजन को अन्य अंगों को सप्लाई करता है. दिल काम न करें तो इसका असर फेफड़ों पर पड़ता है. यदि फेफड़े काम करना बंद कर दें तो बॉडी को ऑक्सीजन नहीं मिलेगी और इससे हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाएगा. फेफड़ों से जुड़ी वैसे तो कई बीमारियां हो जाती हैं. लेकिन वेट लंग डिजीज भी फेफड़ों की घातक बीमारी है. यदि इस बीमारी ने आपकी बॉडी में घर बना लिया है तो समय पर इलाज कराने की जरूरत है. 


क्या है वेट लंग डिजीज
वेट लंग डिजीज फेफड़ों से जुड़ी एक बीमारी है. इसे मेडिकल भाषा में पल्मोनरी एडिमा भी कहा जाता है. इसमें फेफड़ों में मौजूद छोटी-छोटी थैलियों में द्रव भर जाता है. इससे सांस लेने में दिक्क्त होने लगती है. फेफड़ों की ये थैलियां हवा को जमा करती हैं, लेकिन द्रव भर जाने पर इनके काम करने की क्षमता इफेक्ट होती है. इससे फेफड़ों की ऑक्सीजन खींचने और कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने की क्षमता कम हो जाती है. ऐसा होने पर रेसपायरेटरी सिस्टम काम करना बंद कर देता है. वेट लंग डिजीज हार्ट फेलियर, ब्लड प्रेशर बढ़ना, निमोनिया, किडनी खराब होने, लिवर डेमेज होने के कारण हो सकती है. 


लंग्स में पानी भरने पर लक्षण
सिरदर्द होना, सांस फूलना, काम करने पर हालत खराब हो जाना, ऊंचाई पर चढ़ने पर कठिनाई होना, लेटने के बाद सांस लेने में परेशानी, घरघराहट, सोते समय सांस न आने पर उठ जाना, खांसी के साथ ब्लड व बलगम आना, दिल का तेजी से धड़कना, थकान रहना जैसे लक्षण नार्मली दिखते हैं.


यह लक्षण गंभीर हो सकते हैं
इसके लक्षणों को भी पहचानने की जरूरत है. बीमारी गंभीर होने पर कुछ और लक्षण दिखाई दे सकते हैं. इनमें अचानक से सांस फूलने लगना, बहुत अधिक पसीने का आना, त्वचा नीली पड़ना, सिर घूमना, कमजोरी महसूस होना, तेज चक्कर आना, सांस लेने में बहुत अधिक घरघराहट होना, कई बार सांस का न आना जैसे लक्षण शामिल हैं. खांसी के साथ काफी ब्लड के आने पर दिक्कतें बढ़ सकती हैं. 


अचानक से भी हो जाती है बीमारी
हार्ट फेलियर के कारण वेट लंग डिजीज की प्रॉब्लम धीरे धीरे होती है. लेकिन कई मामलों में यह बीमारी बहुत तेजी से उभरती है. अचानक से होने वाले वेट लंग डिजीज को एक्यूट पल्मोनरी एडिमा के नाम से भी जाना जाता है. कई बार वेट लंग डिसीज सीरियस हो सकती है. इसका तुरंत इलाज शुरू कर देना चाहिए. इलाज समय पर न मिलने पर बीमारी जानलेवा हो सकती है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.