Diabetes Symptoms: फीनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन, नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की ओर से किए गए अध्ययन मेें सामने आया है कि उम्र की वजह से वयस्कों में मधुमेह और प्रीडायबिटीज की स्थिति को बेहतर ढंग से पहचानने में मदद मिलती है. यह स्टडी हाल में अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन में प्रकाशित हुई है. 


इस उम्र के लोगोें पर हुई स्टडी


यूएस आधारित अध्ययन में पाया गया कि 35 से 70 वर्ष की आयु के सभी वयस्कों की स्क्रीनिंग की गई. उनमें पहले वजन को उतना अधिक महत्व नहीं दिया गया. ऐसे लोगों में डायबिटीज और प्रीडायबिटीज की स्थिति देखी गई. फीनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इलाज में यह बड़ी भूमिका अदा करेगा. 


कम वजन पर भी हो रहा मोटापा


अध्ययन के प्रमुख रिसर्चर मैथ्यू ओश्ब्रायन के अनुसार कि आमतौर पर मोटापे को ही डायबिटीज का प्राइमरी कारण माना जाता है. मगर और अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत है. यदि वजन के आधार पर डायबिटीज टेस्ट कराने का निर्णय लेते हैं, तो हम नस्लीय और जातीय अल्पसंख्यक समूहों के कुछ लोगों को भी ध्यान रखना होगा कि  कम वजन पर डायबिटीज हो रहा है. उम्र का बढ़ना भी डायबिटीज होने का प्रमुख कारक है. 


6 मिलियन एशियाई डायबिटीज के मरीज


अध्ययन में इस बात पर ध्यान दिया गया है कि एशियाई लोगों के साथ दिक्कत होती है कि इनका वजन कम होता है. आमतौर पर इस अवस्था में ये डायबिटीज पर ध्यान नहीं देते हैं. 6 मिलियन एशियाई अमेरिकियों को प्रीडायबिटीज या अनियंत्रित मधुमेह की शिकायत रहती है. वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, भारत में अनुमानित 77 मिलियन वयस्क मधुमेह से पीड़ित हैं और लगभग 25 मिलियन प्रीडायबिटिक हैं. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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