Depression Symptoms In Kids: किताबों का जो बोझ आज है. वो पहले नहीं हुआ करता था. पहले जहां दो- चार किताबों से बच्चे ज्ञान की यात्रा तय कर लेते थे. वहीं अब किताबों का बोझ बच्चों में तनाव का विषय बन गया है. इसके अलावा बढ़ता मोबाइल का प्रयोग भी डिप्रेशन का कारण बन रहा है. बच्चे कई घंटे तक मोबाइल से ही चिपके रहते हैं. मोबाइल पर परोसी जा रही सामग्री भी बच्चों को मानसिक तौर पर बीमार बना रही हैं. आसपास का माहौल और घर में लगने वाली डांट फटकार को भी  बच्चे सहन नहीं कर पाते हैं. बच्चे इस सब स्थिति से किसी तरह के डिप्रेशन में न आये, इसका ख्याल रखना बेहद जरूरी है. 


बच्चा चिड़चिड़ा तो नहीं हो गया


बच्चा हर बात पर झगड़ा कर रहा है. चिड़चिड़ा हो रहा है. मारपीट पर उतारू हो जाता है तो माता पिता को सीरियस होने की जरूरत है. बच्चे में ये डिप्रेशन की स्थिति हो सकती है. माता पिता को तुरंत बच्चे की काउंसलिंग करनी चाहिए. जरूरत है तो मनोचिकित्सक से इलाज कराना चाहिए. 


बच्चा चुप तो नहीं है


बच्चा यदि बहुत अधिक चुप रहता है. किसी से बात करना पसंद नहीं करता.  यदि कोई बात करने लगे तो उससे बात करने से मना कर दे. माता पिता को इस कंडीशन में सावधान रहने की जरूरत है. 


अकेला रहने लगे तब भी


गुपचुप रहने के साथ ही वो अकेला रहने लगे. किसी से बात करना पसंद न करें. कमरे में अकेले अकेले खुद से बात करने लगे तो यह स्थिति ठीक नहीं है. बच्चा मानसिक तौर पर अधिक बीमार हो गया है. उसका कॉउंसलिंग कराकर तुरंत इलाज शुरू करा देना चाहिए.


 


इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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